भूस्खलन में लापता नेपाली नागरिकों के उद्धार के लिए भारत से आग्रह
काठमांडू । भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में हुए भूस्खलन में 17 नेपाली नागरिक लापता हो गए हैं। ये सभी लोग हुम्ला जिले के हैं।
केदारनाथ धाम के रास्ते में गौरीकुंड में भूस्खलन से 2 दुकानें और एक झोपड़ी चपेट में आई है। उस स्थान पर हुए भूस्खलन में 13 लोग दब गए। इसमें नेपाली नागरिक द्वारा चलाया जाने वाला एक ढाबा बह गया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि केदारनाथ यात्रा पर निकले यात्री खाना खाते समय भूस्खलन के चपेट में आ गए। नेपाल के हुम्ला जिले में रहने वाले हरि बहादुर अपने परिवार के सदस्यों के साथ लापता हो गए हैं। वह उस स्थान पर एक होटल संचालित करते थे जहां भूस्खलन हुआ। हरि के साथ उनका बेटा बीर बहादुर, पत्नी सुमित्रा और बेटी निशा भी भूस्खलन के कारण लापता हो गए।
रूद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह जारवार के हवाले से खबर है कि हरि बहादुर के होटल में खाना खाने आए चंद्रमा बहादुर बूढ़ा और उनका बेटा धर्मराज बूढ़ा भी लापता हो गए हैं। खबरों के मुताबिक नेपाल के जुमला के रहने वाले लाल बहादुर कामी, चंद्रा कामी, सुखराम राऊत और उनका बेटा जोरा राऊत भी लापता हैं।
लापता होने वालों की सूची में नेपाली नागरिक मान बहादुर बोहरा, उनका बेटा अमर बोहरा, पत्नी अनीता बोहरा, बेटी राधिका बोहरा, बेटी पिंकी बोहरा, बेटा पृथ्वी बोहरा और जटिल बोहरा शामिल हैं। एक 6 साल का बच्चा भी लापता हो गया है जिसके स्थानीय पते का खुलासा नहीं हो पाया है।
यह खबर मिलते ही नेपाल के विदेश मंत्रालय ने भारतीय राजदूतावास के माध्यम से लापता हुए नेपाली नागरिकों के खोजी, राहत तथा उद्धार में सहयोग करने का आग्रह किया है।