दिल्ली/एनसीआर

मानहानि मामले में गहलोत के खिलाफ समन जारी करने पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली । राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में गहलोत को समन जारी करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने कल यानि 24 मार्च को फैसला सुनाने का आदेश दिया। कोर्ट ने आज गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से समन किए जाने के मामले पर दलीलें सुनीं। शेखावत की ओर से दलील पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत समेत चार गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। 15 मार्च को अश्विनी जेपी सिंह, 13 मार्च को गवाह गजेंद्र सिंह यादव, 06 मार्च को गजेंद्र सिंह शेखावत और 07 मार्च को गवाह हर्ष पिचारा ने बयान दर्ज कराए थे। शेखावत ने अपने बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से मेरा कोई संबंध नहीं है। जांच एजेंसियों ने मुझे आरोपी नहीं माना, मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए। याचिका में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है। गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली। इस घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को। एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है, लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि ईडी विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई कर रही है। गहलोत ने अपने ट्वीट में शेखावत से कहा कि अगर आप निर्दोष हैं तो आगे आइए और लोगों के पैसे वापस कीजिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button