बिना पुलिस सुरक्षा के बालिका गृह भेजी गई पीड़िता
महिला थाना प्रभारी ने की न्याय पीठ के आदेश की अवहेलना
जन एक्सप्रेस/संवाददाता
बहराइच। बाल कल्याण समिति न्याय पीठ द्वारा अपरिहार्य परिस्थितियों में मुकदमा अपराध संख्या 106 /2023 धारा 363 आईपीसी थाना मोतीपुर की पीड़िता को बालिका गृह भेजे जाने का आदेश पारित किया गया। साढे़ 17 वर्षीय इस पीड़िता को सुरक्षित भेजे जाने हेतु न्याय पीठ के अध्यक्ष (मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी )ने महिला थाना प्रभारी नगर बहराइच को आदेशित किया कि
चाइल्डलाइन कर्मी के साथ पीड़िता को सुरक्षित पहुंचाने हेतु एक महिला आरक्षी उपलब्ध करा दें। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष सतीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह आदेश पत्र लेकर चाइल्डलाइन कर्मी मनीष यादव महिला थाने जाकर वहां महिला थाना प्रभारी से मिले, तो उन्होंने इस आदेश पत्र को लेने से साफ इंकार कर दिया। इस पर चाइल्डलाइन कर्मी द्वारा अपने मोबाइल फोन से अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी से उनकी बात कराई गई तो महिला थाना प्रभारी ने आरक्षी देने से साफ इनकार कर दिया। इस पर उन्हें कहा गया कि जो भी कारण हो वह इस आदेश पत्र पर अंकित कर दें, तो उन्होंने इससे भी मना करते हुए मोबाइल फोन मनीष यादव को दे दिया गया।
इस पर यह चाइल्डलाइन कर्मी वापस सीडब्ल्यूसी कार्यालय आए और पूरी वस्तु स्थिति इसी आदेश पत्र पर लिखकर उन्होंने बाल कल्याण समिति न्याय पीठ को सौंप दिया। ऐसी परिस्थितियों में पीड़िता को तत्काल संरक्षित कराने की आवश्यकता को देखते हुए चाइल्डलाइन कर्मी को निर्देशित किया गया कि वह अपने कार्यालय से किसी महिला कर्मी को बुलाकर पीड़िता को आवश्यक टेस्ट कराने एवं रिपोर्ट लेने के बाद अपने सह महिला कर्मी के साथ गोंडा ले जाकर बालिका गृह में संरक्षित कराएं। इस तरह यह पीड़िता बिना पुलिस सुरक्षा के बाल का ग्रह भेजी गई।
सीडब्लूसी ने एसपी डीआईजी व एडीजीपी को कार्रवाई के लिए भेजी संस्तुति
महिला थाना प्रभारी द्वारा सीडब्ल्यूसी, जो जेजे एक्ट 2015 की धारा 27(9) के अनुसार बेंच मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करती है, उनके आदेश की अवहेलना करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए न्याय पीठ के अध्यक्ष एवं सदस्य /मजिस्ट्रेट दीपमाला प्रधान नवनीत मिश्रा व अर्चना पांडे द्वारा महिला थाना प्रभारी के द्वारा किए गए इस कृत्य को बालिका के सर्वोत्तम हित के विरुद्ध गंभीर माना। उनके विरुद्ध इस बाबत आवश्यक कार्यवाही करने एवं भारसाधक सरीखे महत्वपूर्ण दायित्व वाले महिला थाना प्रभारी पद से इन्हें तत्काल मुक्त करने के लिए पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक तथा पुलिस उप महानिदेशक को अपना संस्तुति पत्र प्रेषित किया गया।