विद्या भारती आध्यात्मिकता को लेकर चलने वाला संस्थान

प्रयागराज । भारत तीन वर्णो से मिलकर बना है भाव, राग एवं ताल इन तीनों का समन्वय स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए तथा इनके समन्वय को बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है। हम सभी सामाजिक जीवन में रहने वाले सक्रिय कार्यकर्ता हैं और अपने विद्यालय में शिक्षा के माध्यम से संस्कार एवं चरित्र द्वारा राष्ट्र निर्माण में सहभागिता कर रहे हैं। अपने देश को दिव्य भव्य बनाने की जिम्मेदारी जो हम लोगों की है उसे पूर्ण करने का कार्य कर रहे हैं।
यह बातें मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश ने मंगलवार को ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज सिविल लाइन्स में त्रिदिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य कार्य योजना बैठक के द्वितीय दिवस पर कही। उन्होंने प्रधानाचार्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत का मूल्य आध्यात्मिक है इसके विकास एवं प्रवाह का चिंतन करने का दायित्व हम सभी का है। विद्या भारती आध्यात्मिकता को लेकर चलने वाला एक संस्थान है। व्यक्ति निर्माण में संस्कार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसके अंदर आध्यात्मिक शक्ति का जागरण होना आवश्यक है। जिसके अंदर यह आध्यात्मिक ज्ञान आ गया वह महान बन जाता है।
प्रांत प्रचारक ने कहा कि इस संसार में गलत एवं सही कार्य करने वाले सभी व्यक्ति ईश्वर की शरण में जाते हैं। जिसको सत्य का स्वरूप माना जाता है जहां सत्य है वही धर्म है जहां धर्म है वहीं सत्य है। उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक वैचरिक स्वरूप का संगम है जिसका एक उद्देश्य एक कार्य पद्धति एवं एक आत्मा है और इसको मानने वाले लोग भारत माता को अपना सर्वस्व निछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
द्वितीय सत्र में विभिन्न विषयों के क्षेत्रीय प्रमुखों राजेन्द्र बाबू मानक परिषद, विजय उपाध्याय शिशु वाटिका, जगदीश खेलकूद एवं राजकुमार संस्कृत बोध परियोजना द्वारा विषय का प्रतिपादन किया गया। तृतीय सत्र में चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट डॉ नवीन चन्द अग्रवाल ने वित्त नियोजन अर्थ प्रबन्धन विषय का प्रतिपादन किया। चतुर्थ एवं पंचम सत्र में प्रधानाचार्यों ने संकुलशः योजना का निर्माण किया।






