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पंचायत सचिवालय बने शोपीस, ताले लटकने से नाराज ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

सरकार ने खर्च किए लाखों रुपये, फिर भी ग्रामीणों को योजनाओं व प्रमाण पत्रों के लिए भटकना पड़ रहा

जन एक्सप्रेस बिलसंडा (पीलीभीत)। सरकार की ओर से ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर सुविधाएं देने के लिए लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए पंचायत सचिवालय आज बदहाली का शिकार हो गए हैं। बिलसंडा ब्लॉक क्षेत्र की अधिकांश ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिवालयों पर ताले लटके हुए हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। ग्राम पंचायत लम्बोआ में सचिवालय बंद रहने से नाराज ग्रामीणों ने पंचायत विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में केशपाल, छत्रपाल, सुमेरलाल, परशुराम और घडीराम समेत कई ग्रामीण शामिल रहे।

ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सहायक सचिवालय में बैठने के बजाय निजी कार्यों में व्यस्त हैं। पंचायत सहायक न तो सचिवालय में बैठते हैं, न ही ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करते हैं। इससे प्रमाण पत्रों, सरकारी योजनाओं की जानकारी और जरूरी दस्तावेजों के लिए ग्रामीणों को ब्लॉक कार्यालय और जनसेवा केंद्रों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। फैमिली आईडी, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पेंशन, शादी अनुदान, खतौनी और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेजों के लिए ग्रामीण दर-दर भटक रहे हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सचिवालयों के लिए ग्राम निधि से खरीदे गए कंप्यूटर, सीपीओ, कुर्सी, मेज और अन्य फर्नीचर अधिकांश सचिवालयों में मौजूद ही नहीं हैं। आरोप है कि यह सामान जिम्मेदार लोग अपने घरों में उपयोग कर रहे हैं।

ग्राम पंचायत पस्तौर कुईया का पंचायत सचिवालय तो स्वच्छता अभियान की भी पोल खोल रहा है। चारों ओर गंदगी का आलम है और सचिवालय की बाउंड्री के अंदर अवैध कब्जा भी कर लिया गया है।

सरकार के निर्देश हैं कि ग्राम निधि से भुगतान पंचायत सचिवालय की लोकेशन से ही किया जाए, लेकिन बिलसंडा ब्लॉक में यह नियम भी ताक पर रख दिया गया है। प्रधान और सचिव अपने घरों से ही भुगतान कर रहे हैं। डोंगल भी प्रधान या सचिव न लगाकर कुछ निजी लोग चला रहे हैं और मनमाने कमीशन पर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं।

इस मामले में जब जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) रोहित भारती से बात की गई तो उन्होंने कहा—
“पंचायत सचिवालय बंद रहने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सचिवालयों को चालू नहीं किया गया और पंचायत सहायकों की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

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