उत्तराखंड

विस उप चुनावः राजस्थान की सात में से पांच पर भाजपा, एक पर बीएपी और एक पर कांग्रेस जीती

जयपुर । राजस्थान उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। प्रदेश की सात सीटों पर हुए उपचुनाव में से पांच सीटें- झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, रामगढ़ भारतीय जनता पार्टी ने जीती हैं। एक सीट चौरासी पर भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) और दौसा में कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा जीते हैं। यहां भाजपा ने रीकाउंटिंग की मांग की है। इस सीट पर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अपनी किस्मत आजमाई। खींवसर से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रतन चौधरी की जमानत जब्त हो गई है। खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को भाजपा के रेवंतराम डांगा ने 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। ​​​​​इसी तरह, ​​सलूंबर विधानसभा क्षेत्र के आखिरी राउंड में बाजी पलट गई और भाजपा की शांता मीना ने जीत दर्ज की। शांता ने बीएपी प्रत्याशी जितेश कुमार कटारा को शिकस्त दी है।

चुनाव आयोग ने झुंझुनू, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूंबर (एसटी), चौरासी (एसटी) के नतीजे घोषित कर दिए हैं जबकि दौसा और रामगढ़ के नतीजे अभी घोषित नहीं किए हैं। प्रदेश में 5 सीटों पर विधायकों के सांसद बनने और दो सीटों पर विधायकों की मृत्यु हो जाने के कारण उपचुनाव कराए गए थे। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से चार कांग्रेस, एक भाजपा, एक भारतीय आदिवासी पार्टी तथा एक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास थी।

दौसा विधानसभा सीट से कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा हार गए हैं। झुंझुनूं विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भांबू, देवली-उनियारा में भाजपा के राजेंद्र गुर्जर, रामगढ़ से भाजपा प्रत्याशी सुखवंत सिंह जीते है। वहीं चौरासी विधानसभा सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) प्रत्याशी अनिल कुमार कटारा ने बाजी मारी है। झुंझुनूं सीट कांग्रेस हार गई है। 21 साल बाद पार्टी ने यहां हार का स्वाद चखा है। इससे पहले 2003 में सुमित्रा सिंह यहां से जीती थीं। इसके बाद से यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है। यह झुंझुनूं के इतिहास की सबसे बड़ी जीत है। खींवसर में आरएलपी और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर रही थीं। यहां आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल चुनाव मैदान में थी। यह सीट आरएलपी के हारने के बाद अब पार्टी के पास राजस्थान में एक भी विधायक नहीं है।

दौसा से मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को तगड़ा झटका लगा है। यहां से उनके भाई जगमोहन मीणा हार गए हैं। किरोड़ी ने लोकसभा चुनाव में भी भाई को टिकट दिलाने की कोशिश की थी। थप्पड़ कांड से चर्चा में आई देवली-उनियारा सीट पर निर्दलीय नरेश मीणा दूसरे और कांग्रेस के केसी मीणा तीसरे नंबर पर रहे हैं। नरेश मीणा ने ही एसडीएम को थप्पड़ मारा था। सलूंबर विधानसभा क्षेत्र में आखिरी राउंड से पहले तक बीएपी के जितेश कुमार कटारा आगे चल रहे थे। आखिरी राउंड की गिनती के साथ ही भाजपा प्रत्याशी शांता देवी मीना के खाते में सीट आ गई।

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