न्याय में देरी की आखिर क्या है पहेली
स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव परिवार पर आय से अधिक संपत्ति का मामला
-
सीबीआई की फर्जी क्लोजर रिपोर्ट मीडिया में करा दी गई थी वायरल, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी का आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रदीप राय ने बुना था सारा ताना-बाना
-
सीबीआई कोर्ट में मंगलवार को थी सुनवाई, चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट महिमा राय सिंह ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर सुनवाई से खुद को अलग किया
-
2009 से लगातार तारीख पर तारीख पड़ रही हैं, अब अगली सुनवाई एसीएमएम 2 दीपक कुमार द्वितीय की कोर्ट में 7 जुलाई को होगी
-
31 मई 2023 को विश्वनाथ चतुर्वेदी ने प्रदीप राय के खिलाफ 126 पेज के अतिरिक्त साक्ष्य दिए थे
जन एक्सप्रेस/डॉ. वैभव शर्मा
लखनऊ। कहा जाता है ‘जस्टिस डिलेड इस जस्टिस डिनाइड’ यानी न्याय में देरी भी अन्याय ही है। स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव परिवार पर आय से अधिक संपत्ति का मामला और उसमें न्याय अब पहली बनता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील एडवोकेट विश्वनाथ चतुर्वेदी का आरोप है कि मुलायम सिंह परिवार को क्लीन चिट दिलाने और पाक साफ दिखाने के लिए एडवोकेट प्रदीप राय ने सीबीआई की फर्जी क्लोजर रिपोर्ट तैयार करवाई और इसे मीडिया में सर्कुलेट कराया। प्रदीप राय भी मामले में आरोपी हैं। मंगलवार को सीबीआई कोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन ऐन मौके पर सीबीआई कोर्ट की चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट महिमा राय सिंह ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। अगली सुनवाई 7 जुलाई को एसीएमएम टू दीपक कुमार द्वितीय की कोर्ट में होगी।
आखिर न्याय में क्यों आ रहे हैं इतने अड़ंगे
2009 से शुरू हुआ स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव परिवार पर आय से अधिक संपत्ति का मामला अभी भी न्याय की राह देख रहा है। सरकारें बदल गई, सुनवाई करने वाले जज बदल गए लेकिन मामले में न्याय नहीं मिला। जब जब मामला निर्णायक मोड़ पर आया कुछ न कुछ ऐसा हुआ कि सुनवाई टाल दी गई। मंगलवार को भी ऐसा ही हुआ। एडवोकेट विश्वनाथ चतुर्वेदी का आरोप है सब कुछ हाई प्रोफाइल राजनीतिक सेटिंग की वजह से होता आया है। पहले मुलायम सिंह परिवार पर कांग्रेस की दया दृष्टि थी और अब केंद्र की भाजपा सरकार यादव परिवार पर मेहरबान है। इसलिए उच्च स्तरीय दबाव के चलते मामले में जजमेंट नहीं आ पा रहा है।
स्व0 मुलायम सिंह के वकील थे प्रदीप राय
एडवोकेट विश्वनाथ चतुर्वेदी के अनुसार पूरे घटनाक्रम में कर्ता-धर्ता सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रदीप राय ही हैं। प्रदीप राय मुलायम सिंह के बहुत करीबी रहे राजनेता अमरसिंह का दाहिना हाथ रहे हैं। प्रदीप राय ऑन रिकॉर्ड मुलायम सिंह के वकील रहे हैं। उन्होंने ही फेक क्लोजर रिपोर्ट तैयार कराई और उसे मीडिया में चलवाया।
प्रदीप राय ने ब्लैक मेलिंग और फोन टैपिंग कर कमाई है अकूत संपत्ति: चतुर्वेदी
एडवोकेट विश्वनाथ चतुर्वेदी का आरोप है सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रदीप राय ने गलत चीजों को सही साबित करने के लिए फोन टैपिंग, ब्लैक मेलिंग से लेकर हर हथकंडा अपनाया। इन सबके बूते उन्होंने इंग्लैंड, मॉरीशस, दुबई समय देश में कई संपत्तियां खड़ी की हैं। इन सब से जुड़े हुए 126 पेज के दस्तावेज चतुर्वेदी ने 31 मई को सीबीआई कोर्ट में दाखिल किए हैं। यह दस्तावेज जजमेंट में निर्णायक साबित हो सकते हैं ।