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विधि-विधान से पूजे गए कलम-दवात के देवता भगवान चित्रगुप्त

जन एक्सप्रेस/जौनपुर:  जौनपुर गोवर्धन पूजा के उपरांत कायस्थ समाज ने ज्ञान, लेखनी और न्याय के देवता भगवान श्री चित्रगुप्त महराज की विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना कर अपने आराध्य के प्रति गहन श्रद्धा भाव प्रकट किया। यह भव्य आयोजन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में रूहट्टा स्थित चित्रगुप्त धर्मशाला में संपन्न हुआ, जहां पूरे कायस्थ समाज के लोग एकत्र होकर पारंपरिक रीति से भगवान चित्रगुप्त जी की आराधना में लीन हुए।
सुबह से ही धर्मशाला में भक्ति और उत्साह का माहौल था। भगवान चित्रगुप्त की मनोहारी प्रतिमा को फूलों की मालाओं से सजाया गया। कलम-दवात, बही-खाता और चित्रगुप्त वंशावलि के प्रतीक चिन्हों के साथ पूजा स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। सर्वप्रथम उपस्थित भक्तों ने भगवान श्री चित्रगुप्त जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन किया। इसके पश्चात वेदमंत्रों के साथ आरती एवं सामूहिक पूजन संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के दौरान प्रदेश महासचिव एवं जिलाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने उपस्थित कायस्थ जनों को संबोधित करते हुए कहा कि “भगवान चित्रगुप्त ब्रह्मा की काया से उत्पन्न हुए हैं और वे समस्त जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले देवता हैं। इसीलिए उन्हें कलम और दवात का देवता कहा जाता है। उनके वंशज ही कायस्थ कहलाते हैं, जो सृष्टि के ज्ञान, लेखनी और नीति के प्रतीक हैं।” उन्होंने आगे बताया कि भगवान चित्रगुप्त की दो पत्नियाँ शोभावती (इरावती) और नंदिनी (दक्षिणा) थीं, जिनसे कुल बारह पुत्रों का जन्म हुआ, और इन्हीं बारह पुत्रों से कायस्थ समाज की 12 उपजातियों की उत्पत्ति मानी जाती है। उन्होंने कहा कि इन बारह पुत्रों का विवाह नागराज वासुकि की बारह कन्याओं से हुआ था, इसी कारण कायस्थों की ननिहाल नागवंशी मानी जाती है।

अपने उद्बोधन के अंत में श्री श्रीवास्तव ने कहा “चित्रगुप्त पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह हमारी पहचान, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। यह दिन हमें सत्य, न्याय और कर्म के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है।”

इस अवसर पर धर्मशाला परिसर में भजन, प्रसाद वितरण एवं सामूहिक आरती का आयोजन हुआ। आरती के दौरान “जय चित्रगुप्त भगवान की” के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।

कार्यक्रम में संरक्षक आनंद मोहन श्रीवास्तव, इन्द्रसेन श्रीवास्तव, एस.सी. लाल, श्यामरतन श्रीवास्तव, जय आनंद, प्रमोद श्रीवास्तव ‘दादा’, शशि श्रीवास्तव ‘गुड्डू’, सरोज श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव (वेस्टीज), रवि श्रीवास्तव, धीरज श्रीवास्तव, राजेश किशोर, पंकज श्रीवास्तव ‘हैप्पी’, अवधेश श्रीवास्तव, शरद श्रीवास्तव, प्रदीप डी.ओ., संजय अस्थाना, अखिलेश श्रीवास्तव, रितेश श्रीवास्तव, मोहित श्रीवास्तव, अमित निगम, सचिन, रोहित, शगुन, अमन, साहिल, कुशल, ईशु व आदित्य श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में कायस्थ बंधु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन महासचिव संजय अस्थाना ने किया। पूजा-अर्चना के उपरांत प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, जहां सभी ने भगवान चित्रगुप्त से समाज के कल्याण, एकता और उन्नति की कामना की।

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