उत्तर प्रदेश

डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले पर योगी का बड़ा एक्शन

अभिषेक प्रकाश की बढ़ी मुश्किलें,अन्य पर भी हो सकती है कार्यवाही -

जन एक्सप्रेस/ लखनऊ: जीरो टॉलरेंस की नीति को टारगेट करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले को लेकर बड़ा एक्शन लिया है। घूस मांगने के दोषी तत्कालीन डीएम आईएएस अभिषेक प्रकाश को निलंबित करने के बाद अब 16 अन्य अफसरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी है। जल्द ही इन अफसरों पर भी निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इसमें तत्कालीन एडीएम (प्रशासन) अमर पाल सिंह, चार तत्कालीन एसडीएम, चार तहसीलदार के साथ अन्य अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई है।

जांच रिपोर्ट में धांधली के साक्ष्य
मंडलायुक्त के के आदेश पर डिफेंस कॉरिडोर के लिए भटगांव में भूमि अधिग्रहण मामले में की जांच कर रहे राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डा. रजनीश दुबे ने 83 पेज की रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में साफ शब्दों में भूमि अधिग्रहण के धांधली की बात कही। राजस्व परिषद ने रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के पास भेजा था। जिसके बाद सीएम योगी ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए संबंधित अधिकारियों को दोषी माना और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

खतौनी में नाम नहीं, रजिस्ट्री के आधार पर दे दिया मुआवजा
कोरोना काल के दौरान साल 2021 में 1985 की फर्जी पट्टा पत्रावली के आधार पर कथित आवंटियों, उनके वारिसों और उनसे जमीन खरीदने वालों के मुआवजे के दावे स्वीकार किए गए थे। आरक्षित श्रेणी की सरकारी जमीन भी घपलेबाजों के नाम कर दी गई। इतना ही नहीं अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि बिक्री की अनुमति अवैध रूप से दी गई। तमाम मामलों में खतौनी में नाम दर्ज नहीं था, फिर भी सिर्फ रजिस्ट्री के आधार पर मुआवजे का भुगतान कर दिया गया।

सरकारी पैसे का किया बंदरबाट
मामले की जांच कर रहे राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे और कानपुर के तत्कालीन मंडलायुक्त अमित गुप्ता की कमेटी ने जांच में कहा कि क्रय समिति के अध्यक्ष लखनऊ के तत्कालीन डीएम जिलाधिकारी और सदस्य सचिव के रूप में सरोजनीनगर के तहसीलदार ने अपने दायित्वों के पालन ठीक से नहीं किया जिसके चलते सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।

इनको ठहराया दोषी, कार्रवाई तय
मामले में एसडीएम शंभु शरण, आनंद कुमार, देवेंद्र कुमार व संतोष कुमार, तहसीलदार मनीष त्रिपाठी, विजय कुमार, ज्ञानेंद्र सिंह व उमेश कुमार और नायब तहसीलदार कविता ठाकुर, राजस्व निरीक्षक राधेश्याम, जितेंद्र कुमार सिंह व नैंसी शुक्ला तथा लेखपाल हरिश्चंद्र व ज्ञान प्रकाश अवस्थी को दोषी ठहराया गया है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इन सभी अधिकारियों पर कार्रवाई तय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button