
जन एक्सप्रेस/बस्ती: बस्ती जिले के अमहट घाट स्थित कुआनो नदी में गुरुवार सुबह बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां पाई गईं। मॉर्निंग वॉक के लिए निकले लोगों ने जब यह दृश्य देखा तो उनके होश उड़ गए। नदी में मृत मछलियों का तैरना न केवल पर्यावरणीय संकट को दर्शाता है, बल्कि जल प्रदूषण की गंभीरता को भी उजागर करता है। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है, क्योंकि हाल ही में मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने इसी नदी में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए एक लाख मछलियां छोड़ी थीं।
रसायनयुक्त पानी छोड़ने का आरोप, पेपर मिल पर उठी उंगली
समाजसेवी मनमोहन श्रीवास्तव ने इस घटना के लिए एक स्थानीय पेपर मिल को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि फैक्ट्री से छोड़े गए रसायनयुक्त पानी के कारण मछलियों की मौत हो रही है। उन्होंने बताया कि यह पहली बार नहीं हो रहा है, बल्कि पिछले वर्षों में भी ऐसा हो चुका है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि फैक्ट्री से निकले दूषित पानी के कारण न केवल मछलियां मर रही हैं, बल्कि यह नदी के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा बनता जा रहा है।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग, पर्यावरण को खतरा
इस घटना के बाद समाजसेवियों और स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मनमोहन श्रीवास्तव ने इस मामले को लेकर प्रशासन से औद्योगिक इकाइयों की निगरानी बढ़ाने की अपील की है। क्षेत्र के लोग जो रोजाना मछलियों को चारा डालते थे, वे इस घटना से बेहद दुखी हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि अगर जल स्रोतों को ऐसे ही प्रदूषित किया जाता रहा, तो नदियों का जैव विविधता संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाएगा। प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले में कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।