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पीएम ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले रखा है

विपक्ष द्वारा लाए गए अविस्वास प्रस्ताव पर आज लोकसभा में चर्चा की शुरूआत हुई। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इसकी शुरूआत की। लोकसभा में गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन स्पष्ट था, वह चाहता था कि पीएम मोदी सदन में मणिपुर पर बयान दें लेकिन उन्होंने चुप रहना पसंद किया। गौरव गोगोई ने कहा कि पीएम ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले रखा है। इसलिए, हमें उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हमारे पास उनसे तीन सवाल हैं- 1- वे आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए? 2- आख़िरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ़ 30 सेकंड के लिए? 3) प्रधानमंत्री ने अब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?”

गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में उनकी सरकार विफल हो गई है। इसीलिए, मणिपुर में 150 लोगों की मौत हो गई, लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 एफआईआर दर्ज की गई हैं। राज्य के सीएम, जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है। गौरव गोगोई ने कहा, ‘मणिपुर में दो समुदायों के बीच विभाजन कभी नहीं देखा, आपकी राजनीति ने दो राज्य बना दिए हैं।’

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