अघोषित विद्युत कटौती से बेहाल सहाबा विद्युत उपकेन्द्र के उपभोक्ता
जन एक्सप्रेस/संवाददाता
रूपईडीहा, बहराइच। सहाबा विद्युत उपकेन्द्र से आधा दर्जन से अधिक गांवों को की जा रही विद्युत आपूर्ति पटरी से उतर गयी है। विद्युत आपूर्ति होने के बाद कभी रोस्टिंग तो कभी सट डाउन का हवाला देकर विद्युतकर्मी पल्ला झाड़ रहे है। कभी कभी तो विद्युत कर्मियों का जवाब होता है कि ओवर लोडिंग की वजह से ट्रिपिंग की समस्या अधिक आ रही है। इस अघोषित विद्युत कटौती से उपभोक्ता परेशान है।
विकासखंड नवाबगंज के आधी से अधिक ग्राम पंचायतों में सहाबा विद्युत उपकेन्द्र से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इनमे कई ग्राम पंचायते नेपाल सीमा से सटी हुई है। शाम होते ही नेपाल सीमा से सटी ग्राम पंचायते अंधेरे में डूब जाती है। ग्रामीण अपने घरों में रोशनी नही कर पाते। जबकि सुरक्षा के लिहाज से नेपाल सीमावर्ती गांव अतिसंवेदनशील माने जा रहे है। भारत विरोधी तत्वों की घुसपैठ हो या फिर तस्करी सीमा अतिसंवदेनशील है। सरकारी तंत्र और सुरक्षा अधिकारी संवेदनशील सीमा होने के नाते इस पर कड़ी निगाह रख रहे है। वही विकासखंड के अन्य गांव भी अघोषित विद्युत कटौती का शिकार हो रहे है।
दिन में कुछ घंटे बिजली की आपूर्ति उपभोक्ताओं को मिल पाती है। जबकि शाम के वक्त लोगों को आपूर्ति मिल पाना असंभव होता है। ग्रामीण अंधेरे में भोजन की व्यवस्था करने के लिए विवश है। विद्युत विभाग से संबंधित अधिकारी कर्मचारी इस तरफ कोई ध्यान नही देते। जब भी उपभोक्ता विद्युत समस्या की बात अधिकारी कर्मचारियों से करते है तो उनकी ओर से रटा रटाया जवाब मिलता है कि ओवर लोड के चलते लाइन ट्रिप हो गयी है या फिर या जवाब मिलता है कि बाहर से कटौती हो रही है।
कभी कभी तो विद्युत फाल्ट के कारण सट डाउन की बात कहकर विद्युतकर्मी पल्ला झाड़ लेतेे है। सहाबा विद्युत उपकेन्द्र की ओर से एक नया तरीका इजाद किया गया है। विभाग की ओर से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। जिस पर शुरूवाती दौर में उपभोक्ताओं की समस्याए दर्ज की जाती थी और इसका निस्तारण किया जाता था। विभाग की ओर से ग्रुप बनाने का मकसद या था कि लाइन मैन को विद्युत लाइन दुरूस्त करने के दौरान फोन न उठाना पड़े।
विभाग का मानना था कि लाइन दुरूस्त करने के दौरान फोन उठाने पर विद्युत कर्मियों का ध्यान बंट जायेगा और कोई घटना घट सकती है, लेकिन अब यह वाट्सएप ग्रुप एडमिन के लिए कर दिया गया है। उपभोक्ता संदेश भेज नही सकते। जबकि विभाग का संदेश हर समय ग्रुप पर पड़ा रहता है। जिसमे रोस्टिंग, फाल्ट होने, सट डाउन लेने व अन्य कार्यो का हवाला देकर विद्युत आपूर्ति किए जाने के लिए समय का अकन किया जाता है। जिससे विद्युत उपभोक्ता परेशान है।