उत्तर प्रदेश

बग़ैर जांच, बग़ैर पर्चा, 10 हज़ार की ठगी: बेनीगंज के जनता हास्पिटल में इलाज के नाम पर खुली लूट

न मेडिकल रिपोर्ट, न रसीद—सिर्फ दवा की एक परची थमाई गई तीमारदारों को

जन एक्सप्रेस/हरदोई : जिले के बेनीगंज स्थित जनता हास्पिटल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार मामला सिर्फ लापरवाही का नहीं, बल्कि मरीजों को आपात स्थिति में फंसाकर खुलेआम ठगने और मेडिकल माफिया की तरह वसूली करने का है। हास्पिटल के संचालक डॉ. सिद्धार्थ गौतम और उनके भाई अतुल गौतम पर आरोप है कि इमरजेंसी में भर्ती एक मरीज से बिना जांच, बिना रसीद, बिना दवा बिल के सीधे 10,000 रुपये ठग लिए गए।

“पूरे शरीर में ज़हर फैल गया” – बिना जांच बोले डॉक्टर!
घटना बीते सप्ताह की है जब एक युवक ने रेडबुल पीने के बाद उल्टियां शुरू कर दीं। रात 10 बजे हालत बिगड़ने पर उसे नजदीकी जनता हास्पिटल बेनीगंज लाया गया। यहां डॉ. सिद्धार्थ गौतम ने बिना कोई टेस्ट किए ही मरीज के तीमारदारों को बताया कि “पूरे शरीर में ज़हर फैल गया है, तुरंत हाई प्रोफाइल ट्रीटमेंट देना होगा।” और इसी बहाने इमरजेंसी का डर दिखाकर पहले तीन हजार रुपये जमा कराए।

नॉन-मेडिको स्टाफ कर रहा इलाज, नली डाल रहा, इंजेक्शन ठोक रहा
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इलाज किसी डॉक्टर या ट्रेंड स्टाफ ने नहीं, बल्कि गैर-प्रशिक्षित स्टाफ ने किया। जन एक्सप्रेस के पास मौजूद वीडियो में साफ दिख रहा है कि नॉन-मेडिकल स्टाफ मरीज को यूरिन पाइप डाल रहा है, नाक में नली घुसेड़ रहा है और एंटीबायोटिक इंजेक्शन तक लगा रहा है।

“छह हजार और दो, फिर पर्ची मिलेगी” – खुली गुंडई पर उतरे संचालक के भाई
अगले दिन जब मरीज की हालत स्थिर हुई और डिस्चार्ज का वक्त आया, तो हास्पिटल संचालक के भाई अतुल गौतम ने तीमारदारों से और 7,000 रुपये की मांग की। गरीब तीमारदार ने जब मिन्नतें कीं तो छूट देकर 6,000 में “डील” फाइनल की गई। लेकिन जब तीमारदार ने इलाज और दवाइयों की पर्ची मांगी तो कहा गया—“पहले ऑफिस से बाहर निकलो, फिर GST जोड़कर बिल देंगे।”

अब सवाल यह है – बिना जांच, बिना दस्तावेज़ किस आधार पर की जा रही है 10,000 की वसूली?

जनता हास्पिटल का यह मामला केवल ठगी नहीं, बल्कि गंभीर आपराधिक कृत्य है। मरीज को मौत के डर से डराकर, नॉन-क्वालिफाइड स्टाफ से इलाज कराकर और बिना दस्तावेज़ पैसे वसूलना चिकित्सा व्यवस्था को धता बताने जैसा है।

नोडल अधिकारी मनोज सिंह से जन एक्सप्रेस की मांग: गोपनीय जांच हो जनता हास्पिटल की
अगर हरदोई जनपद के नोडल अधिकारी मनोज सिंह इस मामले की निष्पक्ष और गोपनीय जांच कराएं, तो जनता हास्पिटल में दर्जनों अनियमितताएं, बिना पंजीकृत डॉक्टरों द्वारा इलाज, और फर्जी मेडिकल स्टाफ की हकीकत सामने आ जाएगी।

जन एक्सप्रेस के पास पुख्ता साक्ष्य
जन एक्सप्रेस के पास इस घटनाक्रम से जुड़े वीडियो फुटेज, फोटो साक्ष्य, और मरीज के परिजनों के बयान मौजूद हैं, जिसमें हास्पिटल स्टाफ खुद इंजेक्शन लगा रहा है, पेशाब की नली डाल रहा है—और कहीं भी कोई MBBS डॉक्टर नज़र नहीं आता।

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