
जन एक्सप्रेस/देहरादून(उत्तराखंड) : उत्तराखंड में धर्मांतरण की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कानून को और अधिक सख़्त बनाने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में उच्च अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश न केवल सीमांत राज्य है, बल्कि यह सनातन परंपरा की पवित्र भूमि भी है। ऐसे में जनसंख्या संरचना में किसी भी प्रकार के बदलाव की कोशिशों को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मांतरण की गतिविधियों पर पूरी नजर रखी जाए और ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई हो। उन्होंने हाल की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि धर्मांतरण विरोधी कानून को और अधिक प्रभावशाली बनाया जाए। धामी ने यह भी कहा कि “ऑपरेशन कालनेमी” जैसे विशेष अभियानों ने ऐसे तत्वों पर लगाम लगाने में सफलता पाई है। इस अभियान को और तेज़ करने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सरकार का फोकस न सिर्फ़ धर्मांतरण को रोकने पर है, बल्कि उसके शिकार हुए लोगों को उचित परामर्श और सहायता भी उपलब्ध कराने पर है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि इस तरह के मामलों में सतर्कता और सख़्ती दोनों बेहद जरूरी हैं।
उत्तराखंड की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना को छेड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। धर्मांतरण करने वाले संगठनों व व्यक्तियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी,” — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी