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यूपी में 22 हजार करोड़ की सड़क और पुल निर्माण योजना को मिली मंजूरी

जन एक्सप्रेस/उत्तर प्रदेश:  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य सरकार ने सांसदों और विधायकों के प्रस्तावों के आधार पर 22 हजार करोड़ रुपये की लागत से सड़कें और पुल बनाने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना का जिम्मा लोक निर्माण विभाग (PWD) को दिया गया है, जिसने सभी प्रस्तावों को संकलित कर शासन को वित्तीय स्वीकृति हेतु भेजा है।

सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगभग 45 से 55 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं स्वीकृत होंगी। विभाग ने अब तक कुल 1847 सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव तैयार किए हैं, जिनमें से 161 परियोजनाओं को शासन की वित्तीय मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इस योजना का विशेष फोकस ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की आवश्यकताओं को संतुलित तरीके से पूरा करना है, ताकि व्यापक स्तर पर विकास सुनिश्चित किया जा सके।

सरकार का यह भी कहना है कि योजना तैयार करते समय पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए विधायकों और सांसदों से सीधे सुझाव लिए गए। उद्देश्य यह है कि स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से जनता की वास्तविक आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जा सके। चालू वित्तीय वर्ष में पीडब्ल्यूडी का कुल बजट 32 हजार करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें से अकेले 22 हजार करोड़ रुपये सिर्फ इन प्रस्तावित सड़कों और पुलों पर खर्च किए जाएंगे। विभाग का मानना है कि इस कदम से न केवल सड़क संपर्क बेहतर होगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

पिछले वर्षों—2022, 2023 और 2024 में भी इसी प्रकार के प्रस्ताव सामने आए थे, लेकिन 2025 में सरकार ने सभी को एक साथ जोड़कर समग्र योजना बनाई है। शासन का लक्ष्य है कि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए, जिससे जनता को जल्द लाभ मिल सके। इससे परिवहन सुगम होगा, ग्रामीण क्षेत्रों तक बाजारों और सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी तथा शहरी क्षेत्रों में यातायात का दबाव भी कम होगा। हालांकि विपक्ष ने इस योजना पर सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि सरकार ने मंडलीय बैठकों में उन्हें शामिल नहीं किया और सांसदों को मुख्यमंत्री की उपस्थिति वाली बैठकों से दूर रखा गया। विपक्ष का कहना है कि इसके बावजूद उन्होंने जिलाधिकारियों के जरिए प्रस्ताव भेजे थे।

दूसरी ओर, सरकार का स्पष्ट कहना है कि यह योजना पूरी तरह जनता के हित में है और सभी क्षेत्रों को बराबर अवसर दिए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं से प्रदेश के विकास को नई गति मिलेगी और यह जनता की भागीदारी को भी मजबूत बनाएगी। यदि यह कार्ययोजना तय समय में पूरी होती है, तो उत्तर प्रदेश की सड़क और पुल निर्माण व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और रोज़गार दोनों को गति मिलेगी।

 

 

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