यूपी पंचायत चुनाव में बड़ा फैसला: 33% सीटें महिलाओं के नाम

जन एक्सप्रेस/लखनऊ : उत्तर प्रदेश की सियासत में पंचायत चुनावों की आहट के साथ ही बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राज्य के पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने रविवार को एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत की सीटों पर आरक्षण 2011 की जनगणना के आधार पर तय किया जाएगा।
सबसे बड़ी बात — 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, यानी अब गांव की सरकार में महिलाओं की भागीदारी और भी मजबूत होने जा रही है।
“ग्राम पंचायतों में सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व की मजबूती के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। 2011 की जनगणना के आधार पर आरक्षण से हाशिए पर खड़े वर्गों को सही भागीदारी मिलेगी,” — ओमप्रकाश राजभर, पंचायतीराज मंत्री
क्या है त्रिस्तरीय व्यवस्था?
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव तीन स्तरों पर होते हैं — ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक), और जिला पंचायत। हर स्तर पर जनप्रतिनिधि जनता द्वारा चुने जाते हैं, और यही स्थानीय विकास की नींव रखते हैं।
क्यों मायने रखती है 2011 की जनगणना?
अब तक कई पंचायत सीटों का आरक्षण पुराने आंकड़ों पर आधारित था, जिससे जनसंख्या के अनुपात में कुछ वर्गों को पूरा प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा था। 2011 की जनगणना से न सिर्फ सही प्रतिनिधित्व होगा, बल्कि तेजी से बदले सामाजिक समीकरण भी पंचायतों में नजर आएंगे।
महिला सशक्तिकरण की बड़ी छलांग!
महिलाओं को पंचायतों में 33% आरक्षण मिलने से न केवल उनकी भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि गांवों में नेतृत्व की एक नई तस्वीर भी सामने आएगी। इससे ग्रामीण समाज में महिलाओं की आवाज को मजबूती मिलेगी।






