सकरौहा के सामुदायिक शौचालय पर लटका ताला बना सवाल—ग्रामीणों में आक्रोश
ओडीएफ का दावा, पर शौचालय पर ताला! ग्रामीण बोले—“बना तो दिया, पर खोला कभी नहीं

जन एक्सप्रेस चित्रकूट/ मानिकपुर: विकासखंड मानिकपुर अन्तर्गत ग्राम पंचायत सकरौहा में निर्मित सामुदायिक शौचालय इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने इस शौचालय पर ताला लटका है, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाने का सपना दिखाती है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि शौचालय बना तो जरूर, पर कभी खोला ही नहीं गया। इससे ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्ति) के दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं।स्थानीय लोगों का आरोप है कि शौचालय निर्माण में सरकारी धन खर्च हुआ, फोटो खींचकर रिपोर्ट भेज दी गई, लेकिन सुविधा का लाभ किसी को नहीं मिला। ग्रामीण बताते हैं कि “शौचालय बनते ही ताला लगा दिया गया और आज तक नहीं खुला।” उनका कहना है कि यह समस्या सिर्फ सकरौहा में ही नहीं, बल्कि कई ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों में ताले लटके मिल जाते हैं। इससे यह सवाल उठता है कि आखिर योजनाओं की निगरानी कैसे हो रही है और जमीनी स्तर पर वास्तविक लाभ किसे मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार स्वच्छ भारत व हर घर शौचालय की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर लापरवाही इन योजनाओं को बदनाम कर रही है। ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति की जांच करें और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि “योगी-मोदी जी का सपना हम भी पूरा करना चाहते हैं, लेकिन बिना सुविधा के यह कैसे संभव होगा?” शौचालय पर लटका ताला गांव की स्वच्छता व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।






