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सीएम गहलोत भड़के, लाल डायरी का भी किया जिक्र….

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘‘लाल डायरी’’ और महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले को भारतीय जनता पार्टी का राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए रचा गया ‘‘षड्यंत्र’’ करार दिया। उन्होंने इसकी जांच उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाने की मांग की।

गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार के खिलाफ कोई ‘सत्ता विरोधी’ लहर नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी। गहलोत ने दिवंगत कांग्रेस नेता राजेश पायलट को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी की भी आलोचना की और कहा कि भाजपा राज्य में गुर्जर समुदाय को ‘‘भड़काना’’ चाहती है।

यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में गहलोत ने कहा, ‘‘एक मांग मैं महादेव ऐप व लाल डायरी मामले के बारे में करना चाहूंगा…उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से इसकी जांच कराई जानी चाहिए। भाजपा ने चुनाव के दौरान ये जो षड्यंत्र किया, चुनाव जीतने के लिए, यह बहुत बड़ा षड्यंत्र है। इसकी जांच होनी चाहिए।’’

छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘षड्यंत्रकारी लोग हैं… चार दिन पहले वहां के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की इनकी साजिश थी। उसका पर्दाफाश हो गया। मुझे दुख होता है कि प्रधानमंत्री के स्तर पर षड्यंत्र करके आप प्रधानमंत्री के मुंह से लाल डायरी बुलवा रहे हो.. आप महादेव ऐप बुलवा रहे हो…यहां लाल डायरी और वहां छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप …वहां (छत्तीसगढ़ में) पर्दाफाश हो गया, राजस्थान में भी सच्चाई सामने आ गई।’’

गहलोत ने पूछा, ‘‘कहां गई लाल डायरी? राजस्थान में ईडी, आयकर विभाग के 50 छापे पड़े। क्या कोई नेता, कोई अधिकारी पकड़े गए? उन छापों का क्या हुआ?’’ मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘भाजपा ने पूरी कोशिश कर ली, लेकिन राजस्थान में सरकार नहीं गिरा पाई। आज उन्हें इसी बात की टीस सता रही है।’’

मुख्यमंत्री गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा अखबारों में राजस्थान की आपराधिक घटनाओं से जुड़ी समाचारों की कतरनों वाले पूरे पन्ने के विज्ञापन प्रकाशित कराए जाने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों को ‘‘गुमराह कर और षड्यंत्र रचकर चुनाव जीतना चाहती है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक युवती के साथ छेड़छाड़ हुई लेकिन उसकी कोई चर्चा नहीं है।

गहलोत ने कहा कि दिल्ली में महिला पहलवान धरने पर बैठी रहीं और उन्होंने भाजपा सांसद पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया लेकिन प्रधानमंत्री ने कोई परवाह नहीं की। भाजपा द्वारा उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड को चुनावी मुद्दा बनाए जाने पर गहलोत ने कहा कि जिन लोगों ने कन्हैया लाल की हत्या की, वे चार साल से भाजपा के कार्यकर्ता थे और आरोपी जब पहले किसी अन्य मामले में पकड़े गए थे तो वहां के उप महापौर समेत भाजपा नेताओं ने उन्हें थाने से छुड़वाया था।

गहलोत ने दिवंगत कांग्रेस नेता राजेश पायलट पर टिप्पणी करने के लिए भी प्रधानमंत्री की आलोचना की और कहा कि पार्टी राज्य में गुर्जर समुदाय के लोगों को भड़काना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन के दौरान आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनकारियों पर कुल 22 बार पुलिस ने गोली चलाई। गहलोत ने कहा, ‘‘इन कार्रवाई में 72 गुर्जर मारे गए थे, जबकि हमारे शासनकाल में आंदोलन के बावजूद लाठीचार्ज नहीं किया गया और पांच प्रतिशत आरक्षण दिया गया।’’

बुधवार को भीलवाड़ा जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, ‘‘राजेश पायलट जी ने कभी इस कांग्रेस परिवार को चुनौती दी थी, लेकिन यह परिवार ऐसा है कि राजेश जी को तो सजा दी, उनके बेटे (सचिन पायलट) को भी सजा देने में लगे हुए हैं।’’ मोदी का इशारा उस घटना की ओर था जब दिवंगत राजेश पायलट ने 1997 में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सीताराम केसरी के खिलाफ चुनाव लड़ा और इसके बाद पार्टी आलाकमान का समर्थन एक तरह से गंवा दिया।

राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, राजेश पायलट के बेटे हैं, जिन्होंने मोदी के बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत और जनता का ध्यान भटकाने वाला बताया है। अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि राज्य में उनकी सरकार के खिलाफ कोई ‘सत्ता विरोधी’ लहर नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी।

 

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