आवाह्न पीठाधीश्वर पट्टाभिषेक समारोह, प्रमुख संतों ने बनायी समारोह से दूरी

हरिद्वार । आवाह्न अखाड़ा के आचार्य मण्डलेश्वर पद पर अरुण गिरि का आज तय तिथि के अनुसार पट्टाभिषेक हो गया। इस समारोह में न तो किसी अखाड़ा का आचार्य और न ही कोई बड़ा संत शामिल हुआ। जिनकी अध्यक्षता में पट्टाभिषेक होना था वह जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज पूर्व में ही कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा कर चुके थे। इसके बावजूद समारोह हुआ।
जूना पीठाधीश्वर के इस बयान के बाद सभी अखाड़ों में ऊहापोह की स्थिति बन गई। अखाड़ों के स्वामी,महंत और संत अंदरखाने एक-दूसरे की कार्यक्रम में जाने के लिए टोह लेते रहे। अन्तोगत्वा सभी अखाड़ों, सभी आचार्यों और वरिष्ठ संत-महंतों ने कार्यक्रम से दूरी बना ली। केवल एक अखाड़ा के एक महंत समारोह में कुछ देर के लिए शामिल हुए।
कि पायलट बाबा के शिष्य अरुण गिरि को आवाह्न अखाड़ा के आचार्य पर बैठाए जाने की खबर के बाद से ही विरोध शुरू हो गया था। जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद ने तो अरुण गिरि पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर अखाड़ा के पदाधिकारियों और अरुण गिरि के कृत्यों, पृष्ठभूमि की सीबीआई जांच की मांग की थी। दूसरी ओर जूना पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने बिना अनुमति निमंत्रण पत्र पर उनका नाम, फोटो और उनकी अध्यक्षता में कार्यक्रम होने की बात छापने पर इस कृत्य की निंदा करते हुए कार्यक्रम का समस्त जूना अखाड़ की ओर से बहिष्कार करने की घोषणा कर दी थी।
जूना पीठाधीश्वर के आदेशों को पायलट बाबा ने ताक पर रखा-
जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के समारोह का जूना अखाड़े की ओर से बहिष्कार की बात कहे जाने के बाद भी जूना अखाड़ा के महामण्डलेश्वर पायलट बाबा समारोह में मौजूद रहे। जो की आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के आदेशों को ताक पर रखने और उनका अपमान है।