उत्तराखंड

निगम बोर्ड और मेयर की जानकारी के बिना ही किया जा रहा जमीनों का आवंटन

हरिद्वार । नगर की मेयर प्रतिनिधि ने आरोप लगाया कि सरकार के दबाव में काम कर रहे अधिकारी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास कराए बिना ही सरकारी जमीनों का आवंटन कर रहे हैं। मनमाने तरीके से काम कर रहे अधिकारी मेयर को जानकारी देना भी उचित नहीं समझते हैं। उन्होंने कहा कि आदेशों की अवहेलना और उपेक्षा से आहत मेयर इस्तीफा भी दे सकती है।

अशोक शर्मा ने आरोप लगाया कि जनता द्वारा चुनी गयी मेयर को चुने जाने के बाद से ही काम नहीं करने दिया गया। सरकार के दबाव में काम कर रहे अधिकारी मेयर के आदेशों का पालन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। दूसरी और नगर निगम के अधिकारी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हुए बिना ही निगम की जमीनों और आवासों का आवंटन कर रहे हैं। मेयर के साथ जनता द्वारा चुने गए पार्षदों को भी किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व 12 मई को मेयर को देवपुरा स्थित नगर निगम के एक आवास पर अवैध कब्जे की जानकारी मिली थी। मेयर अनिता शर्मा जब मौके पर पहुंची तो आवास में एक महिला समूह का कब्जा पाया गया। आवास आवंटन के संबंध में महिला समूह नगर निगम द्वारा जारी कोई अनुमति पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाया। भवन पर कब्जे के साथ बिजली का भी अवैध रूप से उपयोग किया जा रहा था। बिजली विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी गयी है। इस संबंध में मुख्य नगर आयुक्त को कब्जा करने वाली संस्था के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन अब तक भी अधिकारियों द्वारा इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

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