कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को मातृभाषा में दी जाए शिक्षा : आनंदीबेन पटेल
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाए। इसके आधार पर शिक्षकों का प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम और पुस्तकें तैयार हो। कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को मातृभाषा में शिक्षा दिया जाना चाहिए। बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने से वह अच्छी तरह से समझ पायेंगे।
राज्यपाल की प्रेरणा से सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज निराला नगर में निर्मित आर्यभट्ट संगणक प्रयोगशाला का लोकार्पण किया गया। राज्यपाल ने कार्यक्रम में शामिल छोटे बच्चों से मिलकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भारत देश को आगे बढ़ाने व विकसित देश बनाने के लिए सभी छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा और संस्कार आवश्यक है। ताकि बच्चों का अपने माता-पिता, शिक्षकों, पड़ोसियों, तथा मित्रों के प्रति व्यवहार अच्छा हो सके। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनोरम प्रस्तुति दी गई।
राज्यपाल ने महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की समस्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सभी महिलाओं को 30 साल के बाद हर छह महीने में इसकी जांच करवानी चाहिए। यदि शुरुआत में ही इसकी जांच हो जाए तो हम कई माताओं का जीवन बचा पाएंगे। इस कार्य के लि राजभवन का अपेक्षित सहयोग रहेगा।
राज्यपाल ने नौ से 14 वर्ष की बालिकाओं में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी टीकाकरण के दो डोज तथा 14 से 18 वर्ष की बालिकाओं में इसके तीन डोज लगाए जाने को कहा। उन्होंने कहा इसके लिए राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से टीकाकरण की शुरुआत हुई है और लखनऊ के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के अब तक 200 बालिकाओं को यह वैक्सीन दिलवाया जा चुका है। जल्द ही लखनऊ के सभी 08 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं का टीकाकरण किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की बेटियों ने कई जगह अपने परचम लहराए हैं, इनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। उपस्थित छात्र-छात्राओं को सलाह देते हुए राज्यपाल ने कहा कि अच्छी तरह से पढ़िए, अच्छी तरह से चबा-चबा कर खाना खाइए, पानी की बर्बादी ना करें। अच्छी आदतों को छोटी उम्र से ही विकसित करें। देश के जल संरक्षण तथा पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें।