उत्तराखंड

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति ही नहीं बल्कि जीवन शैली है : मुख्यमंत्री

हरिद्वार । उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के तत्वावधान में चलने वाली तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी 2023 का आज समापन हो गया। इस अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, योगगुरु बाबा रामदेव और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद, महर्षि चरक ऋषि, कर्म और मर्म की भूमि है। केंद्र और प्रदेश की सरकार आयुष एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं बल्कि जीवन शैली है। यह मात्र बीमारियों का इलाज नहीं करती बल्कि आयुर्वेद को अपनाकर हम अपने शरीर को बीमार होने से रोक सकते हैं।

योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद के छात्र सिर्फ चिकित्सा के छात्र नहीं बल्कि आचार्य चरक, आचार्य सुश्रुत जैसे महान ऋषियों की परंपरा के संवाहक है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर जैसी भयावह बीमारियों का इलाज एलोपैथ में नहीं है लेकिन आयुर्वेद में इन सभी रोगों का सफल इलाज है। यह हमारे लिए गर्व की बात है, इसके लिए आयुर्वेद के छात्र गर्व का अनुभव कर सकते हैं। उन्होंने ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद के सभी छात्रों को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर की गई। कार्यक्रम में भारतीय गौ सेवा प्रशिक्षण प्रमुख ई राघवन, कुलपति प्रो सुनील जोशी, दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के उप मंत्री डॉ हेमेंद्र यादव सहित ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के हजारों छात्र छात्राओं के अलावा कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।समापन सत्र का सफल संचालन प्रो प्रेमचंद शास्त्री ने किया।

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