सास को पीटने वालों पर केस, फिर पलटी बाज़ी!

जन एक्सप्रेस/बाराबंकी : बाराबंकी के घुघंतेर थाने में उस वक्त हड़कंप मच गया जब वृद्धा फूलमती ने अपने ही बेटे धीरज तिवारी और बहू सुषमा तिवारी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए 25 अप्रैल 2025 को तहरीर दी, जिस पर पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज किया। मामला घरेलू विवाद का बताया जा रहा है, लेकिन फूलमती ने साफ तौर पर कहा कि बेटे बहू उसे जान से मारने की धमकी दी गई और बुरी तरह पीटा गया।
एक दिन बाद पलट गया खेल, नाती-नातिन पर दर्ज हुआ फर्जी केस
असली खेल तो अगले ही दिन शुरू हुआ जब 26 अप्रैल को उसी आरोपी बेटे धीरज तिवारी की तहरीर पर दरोगा जी ने फूलमती के नाती गोविंद शुक्ला, गोपाल शुक्ला और गुड्डी रुची के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। गोविंद ने बताया कि मैं लखनऊ में रहता हूं जिस दिन की घटना मेरे विरुद्ध दर्ज किया गया है उस दिन भी लखनऊ में ही था और मोबाइल लोकेशन से अथवा सीसीटीवी फुटेज से यह पुष्टि भी की जा सकती है। इसके बावजूद मुकदमा दर्ज कर लेना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है।
क्या दरोगा पर होगी कार्रवाई, या सिस्टम रहेगा मौन?
स्थानीय लोगों का कहना है कि थाने में कुछ “सेटिंग” चल रही है, जिससे पीड़ित पक्ष को बार-बार दबाया जा रहा है। सवाल यह है कि क्या ऐसे दरोगा पर कोई कार्रवाई होगी जो खुलेआम फर्जी मुकदमे दर्ज कर रहा है? या फिर कानून व्यवस्था के नाम पर भ्रष्टाचार की हवा को नजरअंदाज कर दिया जाएगा? मामले ने तूल पकड़ लिया है और क्षेत्रीय प्रशासन पर भी अब दबाव बढ़ रहा है।