चित्रकूट में करप्शन का महाकुंभ! – नहीं थम रही रिश्वतखोरी की आग
विद्युत विभाग का लिपिक 6000 की घूस लेते रंगे हाथों दबोचा, ‘लोड’ बढ़ाने के नाम पर वसूली कर रहा था वसूली!

जन एक्सप्रेस चित्रकूट: चित्रकूट में भ्रष्टाचार की चक्की इतनी तेज़ चल रही है कि एंटी करप्शन टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाइयाँ भी उसे नहीं रोक पा रही हैं।ताज़ा मामला सामने आया है विद्युत विभाग से, जहां एक लिपिक प्रशांत कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार, आरोपी लिपिक ने 6000 रुपये की घूस एक आम उपभोक्ता से विद्युत लोड बढ़ाने के नाम पर मांगी थी। एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर प्रशांत को कर्वी कोतवाली क्षेत्र के पटेल चौक स्थित राधा लॉज से घूस की रकम लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा।
घर में घुसकर हो रही गिरफ्तारियाँ, फिर भी नहीं थम रहा ‘घूस तंत्र’!
भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम अब ‘घर पकड़ अभियान’ बन चुकी है। चित्रकूट में भ्रष्ट अफसरों को उनके ठिकानों से पकड़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा, लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोरी जैसे सिस्टम में घुल चुकी हो।स्थानीय लोगों का कहना है कि: यहाँ बिना घूस दिए बिजली, पानी, नकल, जमीन से लेकर पेंशन तक कुछ नहीं मिलता।”
यह हाल तब है जब योगी सरकार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन का नारा बुलंद करती है।
‘बिना घूस के चित्रकूट में पत्ता भी नहीं हिलता!’ – नेताओं के पुराने बयान हो रहे वायरलये पहला मामला नहीं है जब चित्रकूट में घूसखोरी उजागर हुई हो। इससे पहले भी कई ऑडियो-वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, जिनमें अधिकारी खुलेआम पैसों की डील करते सुनाई देते हैं।स्थानीय राजनेताओं तक ने मंच से कहा है कि चित्रकूट में “बिना पैसा दिए एक कागज भी नहीं हिलता।” ऐसे में यह सवाल उठता है — क्या सच में चित्रकूट “भ्रष्टाचार का हॉटस्पॉट” बन चुका है?
योगी मॉडल पर सवाल?
जहां एक ओर सीएम योगी आदित्यनाथ प्रशासनिक पारदर्शिता की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर जिलों में सरकारी विभागों की हालत शर्मनाक है। ऐसे में ये घटनाएं सरकार की छवि पर सवाल खड़े कर रही हैं।रोज़ नई गिरफ्तारी होती है लेकिन घूसखोरी नहीं रुकती, ये मछली नहीं मगरमच्छ हैं साहब!” लोगों की मांग है कि एंटी करप्शन की कार्रवाई सिर्फ दिखावे की न रहे, बल्कि इन अफसरों पर सख्त सजा और सम्पत्ति ज़ब्ती तक की कार्यवाही होनी चाहिए।






