जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू हों दूरस्थ पाठ्यक्रम : याज्ञवल्क्य शुक्ल
नई दिल्ली । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्(अभाविप) के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को दिल्ली में इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति को ज्ञापन देकर भारतीय भाषाओं व क्षेत्रीय-जनजातीय भाषाओं में इग्नू द्वारा दूरस्थ पाठ्यक्रम शुरू करने की मांग की।
अभाविप ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं के साथ जनजातीय, क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू हो व गुणवत्तापूर्ण पाठ्यसामग्री तैयार की जाए, जिससे भारतीय भाषाओं व जनजातीय भाषा भाषी युवाओं के लिए शिक्षा के रास्ते आसान हो सकें।
वर्तमान में मेडिकल, फार्मेसी, इंजीनियरिंग आदि का पाठ्यक्रम व पुस्तकें विभिन्न भारतीय भाषाओं में तैयार करने आदि सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं। देश में विद्यार्थियों की बड़ी संख्या दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत है। अभाविप ने छात्रों से विस्तृत संवाद के माध्यम से यह निष्कर्ष पाया है कि भारतीय भाषाओं के साथ क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं में दूरस्थ पाठ्यक्रम शुरू होने से जनजातीय व ग्रामीण क्षेत्रों के कामकाजी युवा उच्च शिक्षा में नामांकन लेंगे और ज्ञानार्जन में उन्हे भाषाई बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इग्नू कुलपति से मुलाकात के दौरान अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि भाषाएं केवल संचार का माध्यम ही नहीं अपितु संस्कृति की वाहक भी हैं। आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के अंतर्गत भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रमों की शुरुआत द्वारा व्यापक स्तर पर बदलाव हो रहे हैं। दूरस्थ शिक्षा में यदि जनजाति व क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू हो जाते हैं तो देश की एक बड़ी युवा आबादी शिक्षा प्राप्त कर सकेगी।