ईओ कुम्भकर्णी निद्रा में, स्वच्छता अभियान को दिखा रहे ठेंगा
गंदगी का अंबार, सफाई व्यवस्था ध्वस्तः अध्यक्ष
जन एक्सप्रेस/जौनपुर। एक तरफ सरकार “स्वच्छ भारत मिशन” के तहत नगर निकायों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत कजगांव में इस अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
कजगांव की सड़कों और मोहल्लों में जगह-जगह कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है। बदबू और गंदगी के बीच रह रहे स्थानीय लोग बीमारियों के डर से परेशान हैं, लेकिन नगर पंचायत प्रशासन की नींद अब भी नहीं टूटी है।
सिर्फ कागजों पर चल रहा है सफाई अभियान
स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति की जा रही है। नगर पंचायत में दर्जनों सफाईकर्मी तैनात हैं, लेकिन वे नियमित रूप से ड्यूटी पर नहीं आते। जो कर्मचारी आते भी हैं, वे महज औपचारिकता निभाकर लौट जाते हैं।
कहीं नालियां बजबजा रहीं, कहीं सड़कें बनीं कूड़ा घर
पूरे कस्बे में नालियां बजबजा रही हैं, कूड़े के ढेर खुले में सड़ रहे हैं और कई स्थानों पर तो सड़कें तक चलने लायक नहीं रहीं। इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।
‘सरकार डाल-डाल तो नगर पंचायत पात-पात’
स्थानीय लोगों का तंज है कि सरकार जहां सफाई के लिए रोज नए निर्देश और योजनाएं लागू कर रही है, वहीं कजगांव की नगर पंचायत उसका उल्टा रुख अपनाए हुए है। यहां की हालत देखकर कहा जा सकता है— सरकार डाल-डाल तो नगर पंचायत पात-पात।
अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी पूरी तरह नाकाम
लोगों ने नगर पंचायत अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी ईओ पर पूरी तरह उदासीनता का आरोप लगाया है। स्थानीय निवासी आरोप लगा रहे हैं कि दोनों जिम्मेदार कुम्भकर्णी निद्रा में सोए हैं और जनता की तकलीफ से इन्हें कोई सरोकार नहीं है।