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27 ग्राम सभाओं में नहीं बनी गौशाला, किसान परेशान

आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या से फसलें बर्बाद, न्याय पंचायत स्तर पर गौ आश्रय स्थल की मांग

जन एक्सप्रेस/अमेठी: सिंहपुर विकासखंड के अंतर्गत पांच न्याय पंचायतों के 27 गांवों में अब तक गौ आश्रय स्थल नहीं बनाए गए हैं। इससे आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों ने न्याय पंचायत स्तर पर गौ आश्रय स्थल बनाने की मांग की है।

सिंहपुर ब्लॉक की पांच न्याय पंचायतों में खारा में दो वृहद और अस्थाई गौशालाएं संचालित हैं। कुकहा रामपुर की माहिया सेदुरिया, पन्हौना के सिंहपुर, और फूला न्याय पंचायत के दादूपुर, फूला, रस्ता मऊ में कुल तीन गौ आश्रय स्थल कार्यरत हैं। इनमें करीब 2700 मवेशियों को संरक्षण मिला है। लेकिन रामपुर पवारा, मत्तेपुर, फतेपुर, इन्हौना, और चिलौली न्याय पंचायतों की 27 ग्राम सभाओं में कोई भी गौशाला नहीं बनी है।
मनरेगा योजना के तहत विकासखंड में अब तक आठ गौ आश्रय स्थल और एक वृहद गौ आश्रय स्थल बनाए जा चुके हैं। जगतपुर में एक गौशाला निर्माणाधीन है। एक गौ आश्रय स्थल के निर्माण के लिए 40 से 50 लाख रुपये की आवश्यकता होती है, लेकिन इस समय बजट का अभाव है। सिंहपुर ब्लॉक के बीडीओ संदीप कुमार ने बताया कि उत्तरी छोर की न्याय पंचायतों के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जाएगा।

ग्रामीणों की मांग
चिलौली न्याय पंचायत के दुर्गेश दीक्षित, मत्तेपुर के रामप्रसाद, इन्हौना के सूरज, और फतेपुर के घनश्याम मिश्रा ने बताया कि अधिकतर गौशालाएं पश्चिमी क्षेत्र में बनाई गई हैं, जबकि उत्तरी छोर पर खानापुर, चपरा से लेकर अंगूरी ग्राम पंचायत तक एक भी गौशाला नहीं बनी है, जबकि इन क्षेत्रों में सैकड़ों बीघे भूमि चारा गाह के रूप में दर्ज है।
गौशालाओं की कमी के कारण किसानों की फसलें लगातार आवारा पशुओं द्वारा नष्ट की जा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो वे बड़े स्तर पर प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग करेंगे।

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