उत्तर प्रदेश

राज्य सूचना आयुक्त की अध्यक्षता में सुशासन सप्ताह कार्यशाला का आयोजन

सुशासन सप्ताह प्रशासन गांव की ओर’’ कार्यक्रम के अर्न्तगत कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ।

जन एक्सप्रेस/श्रावस्ती: यूपी के श्रावस्ती में सुशासन सप्ताह प्रशासन गांव की ओर’’ कार्यक्रम के अर्न्तगत कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कलेक्ट्रेट पहुंचने पर जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी, विधायक प्रतिनिधि अवधेश पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी अमरेन्द्र कुमार वर्मा एवं अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार यादव ने पुष्पगुच्छ देकर अगुवानी कर स्वागत किया। तत्पश्चात् कलेक्ट्रेट पहुंचकर राज्य सूचना आयुक्त एवं जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि समग्र विकास का लक्ष्य सुशासन के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। इसके सकारात्मक परिणाम प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देते है। जन मानस को उसका अनुभव भी होता है। भारत सरकार के आकांक्षात्मक ब्लॉक कार्यक्रम में तहत श्रावस्ती जनपद के जमुनाहा ब्लॉक को प्रथम स्थान मिला, इसकी घोषणा नीति आयोग ने की थी। उन्होने आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम डेल्टा रैंकिंग में शीर्ष पर रहने के लिए उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में जमुनहा ब्लॉक को हार्दिक बधाई थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से लगभग मुक्त हुआ है, विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहा है, यह सुशासन से ही संभव हुआ है।

डॉ. भीमराव आंबेडकर का सुशासन दृष्टिकोण

भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव राम जी आंबेडकर ने देश में सुशासन की स्थापना का स्पष्ट विजन प्रस्तुत किया। उनके विचारों में सुशासन का मुख्य उद्देश्य समाज के समग्र विकास को सुनिश्चित करना था। संविधान की भावना में यह सिद्धांत प्रमुख रूप से समाहित है। सुशासन का अर्थ केवल प्रशासनिक सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें गरीबी उन्मूलन, शिक्षा का प्रसार, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, औद्योगिकीकरण, और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रणाली जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना शामिल है। समाज के सबसे कमजोर वर्ग को मुख्यधारा में शामिल करना और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाना ही सुशासन की मूल भावना है।

सुशासन सप्ताह: प्रशासन गांव की ओर

जिलाधिकारी ने राज्य सूचना आयुक्त का स्वागत करते हुए बताया कि जनपद में 19 से 24 दिसंबर 2024 तक “सुशासन सप्ताह-प्रशासन गांव की ओर” कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य सरकार और जनता के बीच संवाद को मजबूत बनाना और सरकारी योजनाओं के लाभ को आमजन तक त्वरित रूप से पहुंचाना है। इस दौरान तहसील एवं ग्राम पंचायत स्तर पर 230 विशेष कैंप आयोजित किए गए, जिनमें 898 जनशिकायतों और 4450 जनसेवाओं के आवेदन निस्तारित किए गए। सिंगल विंडो सिस्टम और ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से 350 जनोपयोगी सेवाएं उपलब्ध कराई गईं।

जनपद का समग्र विकास

जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तीव्र प्रगति हो रही है। रेल नेटवर्क और एयरपोर्ट के माध्यम से जनपद को जोड़ने के प्रयास किए गए हैं। 940 जनसेवा केंद्र और ग्राम सचिवालय के तहत पंचायत सहायकों द्वारा जनसेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, 80 जनचौपालों में 6018 शिकायतों का समाधान किया गया है। इन प्रयासों से जनता और सरकार के बीच विश्वास में वृद्धि हुई है।

आपदा प्रबंधन और भविष्य की दृष्टि

आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में जिला प्रशासन ने त्वरित राहत और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जनता को सशक्त किया है। आपदाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता के माध्यम से जनता में जागरूकता विकसित की जा रही है। जिलाधिकारी ने विश्वास जताया कि वर्ष 2047 में, जब भारत स्वतंत्रता की स्वर्ण शताब्दी मना रहा होगा, तब जनपद श्रावस्ती देश के विकास में अपनी पूरी ऊर्जा से योगदान देगा। अंत में, राज्य सूचना आयुक्त को श्रीराम मंदिर की प्रतिमा और अंगवस्त्र भेंट कर उनका सम्मान किया गया।

इस कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी, और अन्य विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने सुशासन के इस प्रयास में अपनी भागीदारी दी।

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