उत्तर प्रदेशगाजियाबादपर्यावरणराज्य खबरें

नगर निगम गाजियाबाद की हाईटेक व्यवस्था हुई फुस्स, नागरिक समस्याओं का नहीं हो रहा निराकरण

जन एक्सप्रेस/गाजियाबाद : प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश मनोज कुमार सिंह भले गाजियाबाद नगर निगम प्रशासन की व्यवस्थाओं और योजनाओं की प्रशंसा कर रहे हो लेकिन भौतिक स्तर पर जनता बेहाल और अधिकारी बेलगाम हैं। उद्यान, जल और निर्माण सहित अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही फिसड्डी साबित हुई है।

 

सारा पानी नाले से होकर लोगों के घरों में घुस रहा है
वसुंधरा सेक्टर 16 निवासी महिला रितु गर्ग नाले की सफाई और सीवर की समस्याओं से ग्रसित है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि निगम प्रशासन अधिकारी कार्यालय में कम मिलते हैं। जिसके कारण नागरिक समस्याओं का निवारण लंबित पड़ा रहता है।
सेक्टर 16 वार्ड -36 वसुंधरा प्रहलादगढी चौक पर जहॉं गॉंव के गंदे नाले को नए सीवर से जोड़ा गया था कर्मचारियों की उदासीनता और अधिकारियों की अनदेखी से सीवर चोक पड़ा है, जिससे सारा पानी बरसाती नाले में आ रहा है । इसी सेक्टर के मकान संख्या 43-44 के पास सीवर ओवरफ्लो होकर सड़क व नाले में बह रहा है । जिससे नागरिकों को दुर्गंध और स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ⁠मकान संख्या 66-69 पास पुराने सीवर में गॉंव के गंदे नाले को अवैध तरीके से जोड़ दिया गया है , जिससे हमेशा सीवर जाम रहता है ।प्रहलादगढी गॉंव के मदन आटा चक्की के पास गेंदे नाले को जिस नए सीवर में जोड़ा गया था वो चौक है और सारा पानी नाले से होकर लोगों के घरों में घुस रहा है । ⁠मकान संख्या 419/9 के सामने भी ऐसी स्थिति बनी हुई है।

 

समस्याओं की संख्या बढ़ती जा रही
निगमायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक द्वारा 311 एप के रूप में नागरिकों को हथियार दिए लेकिन ये अचूक हथियार अब कार्यवाही के स्थान पर गलत सूचना देकर कार्यवाही ऑनलाइन निबटारा स्थल बन गया है।सामाजिक कार्यकर्ता भूपेंद्र नाथ ने कहा है कि शासन की योजनाएं कागजों पर जबरदस्त है।लेकिन वास्तविकता की धरातल पर उनके ही अधिकारी और कर्मचारी योजनाओं अथवा सुविधाओं के प्रति उदासीन बने हुए हैं। जिससे समस्याओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

पूर्व पार्षद और बसपा नेता अरविंद चौधरी चिंटू ने वार्ड 36 की समस्याओं पर बोलते हुए कहा कि शासन और प्रशासन सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि समस्याओं के प्रति उदासीन हैं। साफ सफाई, जल निकासी, पेयजल , विद्युत और सड़क की समस्याओं से वसुंधरा के नागरिक परेशान हैं। जबकि अधिकारी और प्रशासनिक कमरों में बैठकर बड़े अफसर योजनाओं का गुणगान कर रहे हैं। जनता परेशान हैं और अधिकारी कर्मचारी आश्वासन दिए जा रहे हैं। अब देखना है कि सैकड़ों करोड़ इंदिरापुरम हस्तांतरण से वसूलने और वार्षिक राजस्व के रूप में सैकड़ो करोड़ की गृहकर, सीवर और जल कर के रूप में राजस्व वसूली का अभियान चलाने वाला निगम प्रशासन कब जनता की सुध लेता है ।

 

वर्षों से जमे अधिकारियों के संगठित कार्यप्रणाली से जनता दुःखी
नगर निगम गाजियाबाद प्रशासन में महापौर और निगमायुक्त के बीच जारी शीतयुद्ध किसी से छिपा नहीं है। जिसमें निगमायुक्त का पलड़ा भारी है। महापौर के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की बात कहने के बाद भी उन्हीं अधिकारियों से निगम के अधिकांश आवश्यक विभागों की जिम्मेदारी का निर्वहन उन्हीं से कराया जाना निगम में दो धुरी के पोल खोलता है। जिसके कारण तथाकथित अधिकारियों की प्रशासनिक हनक क्षेत्रीय पार्षद और नेताओं पर जारी है। ट्रिपल इंजन की सरकार भले भाजपा के नेता कह रहे हो लेकिन ट्रिपल इंजन के कुछ ही ड्राइवरों के इशारे पर विकास के इंजन का पहिया चिन्हित क्षेत्रों में।ज्यादा घूम रहा है। जबकि योजनाएं सभी वार्डो के आधार पर शासन से आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button