स्मार्ट सिटी का सपना कैसे होगा साकार, जब बदहाल सड़कों के कायाकल्प पर नहीं होगा माननीयों का ध्यान
राजधानी के जोन आठ के इब्राहिमपुर प्रथम वार्ड के पटेल नगर मोहल्ले की सड़कें पड़ी हैं बदहाल

जन एक्सप्रेस/विश्वामित्र पांडेय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्मार्ट सिटी का खाका जिस प्रकार तैयार किया गया है यह सुनने में बेहद स्मार्ट तो लगता है लेकिन जनप्रतिनिधियों का अपने क्षेत्र पर ध्यान न देना और अधिकारियों की नाफरमानी के कारण ठेकेदारों द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य से यह कह पाना बड़ा मुश्किल है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी कभी स्मार्ट सिटी बन सकती है। वर्तमान सरकार की अधूरी नीतियों के कारण अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रही जनता को हर बार निराशा ही झेलनी पड़ रही है। जहां सरकार द्वारा सड़कों और नालियों के निर्माण पर अच्छे खासे बजट मुहैया कराए जा रहे हैं वहीं कुछ ठेकेदारों और अधिकारियों द्वारा बंदरबांट करने के कारण गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य करा कर खानापूर्ति की जा रही है।
नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा वार्ड की जनता भुगत रही है। जिसपर शासन का ध्यान जाना आवश्यक है। यहां 90% सेवा निवृत्त सैनिक निवास कर रहे हैं, जिनकी ओर जिम्मेदारों का ध्यानाकर्षण आवश्यक है।
– प्रकाश सिंह बिष्ट,भूतपूर्व सैनिक स्थानीय निवासी अध्यक्ष पटेल नगर विकास समिति
राजधानी के रिहायशी क्षेत्र जोन आठ के इब्राहिमपुर प्रथम वार्ड के पटेल नगर मोहल्ले की सड़कों व नालियों की बदहाली जन प्रतिनिधियों की उदासीनता को साफ तौर पर बयान करती देखी जा सकती है।
नगर निगम के कर्मचारियों की उदासीनता पर उच्च अधिकारियों द्वारा ध्यान न दिया जाना प्रशासन की बड़ी गलती है, इसको सुधारना चाहिए और लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए।
-कुंवर अमित सिंह, भूतपूर्व सैनिक स्थानीय निवासी
राजधानी के रिहायशी क्षेत्र जोन आठ के इब्राहिमपुर प्रथम वार्ड के पटेल नगर मोहल्ले की सड़कों व नालियों की बदहाली जन प्रतिनिधियों की उदासीनता को साफ तौर पर बयान करती देखी जा सकती है।
सड़कों के खस्ता हाल के कारण नहीं पहुंच पाती थी एंबुलेंस,सार्वजनिक चंदे से स्थानीय लोगों ने भरवाए गड्ढे
स्थानीय लोगों ने बातचीत में बताया कि मोहल्ले की सड़कों की हालत कुछ ऐसी थी कि यदि क्षेत्र में कोई व्यक्ति बीमार हो या अकस्मात कोई घटना घट जाए तो टूटी हुई सड़कों पर जरूरत के वक्त बीमार व्यक्ति के घर तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती थी। प्रसूता महिलाओं को अपने निजी वाहन से भी जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, जिसका कारण क्षेत्र की बदहाल सड़क रही हैं। पटेल नगर विकास समिति के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बिष्ट ने बताया कि मोहल्ले में रहने वाले ज्यादातर लोग भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं। इनके बारे में सरकार का ध्यान न देना अत्यंत दुखद है। उन्होंने आगे कहा कि बरसात के समय पानी भर जाने से इन मार्गों पर पैदल चल पाना भी मुश्किल हो जाता था, जिसके कारण स्थानीय लोगों द्वारा चंदा जुटाकर रास्तों पर मिट्टी व मलवा गिरवाया गया।
जन प्रतिनिधियों को से आग्रह करने के बाद भी नहीं बन पाई सड़कें व नालियां
स्थानीय निवासी व पटेल नगर विकास समिति के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बिष्ट (भूतपूर्व सैनिक)ने जानकारी देते हुए कहा कि सालों पहले तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री स्वाती सिंह की संस्तुति से मंडी परिषद द्वारा सड़क का निर्माण कार्य कराया गया था, लेकिन तत्कालीन जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच हुई बंदरबांट के कारण ठेकेदारों द्वारा ऐसा निर्माण कराया गया कि मोहल्ले की सड़कें 2 साल भी नहीं टिक पाई। जिसके कारण बदहाली का सामना कर रहे स्थानीय निवासी जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटते रह गए।
क्षेत्रीय विधायक को समस्या से अवगत कराने के बाद भी नहीं मिला संतोषजनक परिणाम
पटेल नगर में निवास कर रहे लोगों का कहना है कि बरसात के समय मोहल्ले में आने के बाद यह सोचना बेकार ही होगा कि लखनऊ शहर स्मार्ट सिटी की श्रेणी में आ सकता है। सड़कों की बदहाली और नालियों की दुर्दशा देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इब्राहिम प्रथम वार्ड के पटेल नगर की दुर्दशा दशकों पूर्व में रही ग्रामीण क्षेत्रों से भी बदतर हो चुकी है। स्थानीय निवासियों द्वारा कई बार क्षेत्रीय विधायक डा0 राजेश्वर सिंह को ज्ञापन देने के बाद विधायक ने नगर आयुक्त को संबंधित समस्या के बारे में पत्र भी लिखा लेकिन जिसका कोई भी माकूल जवाब सामने नहीं आया। जन प्रतिनिधियों की उदासीनता का दंश झेल रहा इब्राहिम प्रथम वार्ड शहर के स्मार्ट सिटी होने के नाम पर एक धब्बा सा बना हुआ है। वैसे तो विधायक जी हर दिन क्षेत्र को एक नई सौगात देते रहे हैं लेकिन नहीं सुधर पा रहे लेकिन अबतक पटेल नगर की सड़कों व नालियों की दुर्दशा की तरफ उनका ध्यान नहीं आकृष्ट हो पाया।
सड़क और नाली की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए,ताकि आम जन जीवन की मूल समस्याओं का निवारण किया जा सके।
– रोहित पाठक स्थानीय निवासी