निर्दलीय कहीं बिगाड़ न दें बड़े दलों का खेल

पिछली पंचवर्षीय चित्रकूट में भाजपा का सूपड़ा रहा साफ
रिपोर्ट – सचिन वन्दन
चित्रकूट।
निर्दलीय बड़े दलों का इस बार भी खेल बिगाड़ सकते हैं। जिस तरह की स्थिति निर्मित हो रही है, कहीं न कहीं चुनावी गणित बिगड़ा हुआ लग रहा है। दलीय प्रत्याशियों से निर्दलीय बिल्कुल भी पीछे नहीं दिख रहे हैं। पिछले पंचवर्षी निकाय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों ने ही बाजी मारी थी। साल 2017 के निकाय चुनाव में निर्दलीय सबसे आगे रहे थे। जिले की तीन सीट में दो सीटों से निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए थे। एक सीट से समाजवादी पार्टी का कंडीडेट निकला था। तमाम कोशिशों के बाद भी साल 2017 मे यहां भाजपा का सूपड़ा साफ रहा। भाजपा अपना एक भी प्रत्याशी नहीं जिता पाई। कमोवेश इस बार भी हालात वैसे ही बने हुए हैं। अगर आपसी खींचतान कम न हुई तो निर्दलीय प्रत्याशी बड़े दलों का खेल बिगाड़ सकते हैं। टिकट न मिलने से नाराज प्रत्याशी खेल को साधने के बजाय अपनी ही पार्टी का चुनावी गणित बिगाड़ने में जुट गए हैं। साल 2017 के निकाय चुनाव में भाजपा ने कर्बी नगर पलिका सीट से जगदीश अग्रहरि, मानिकपुर से महेश केसरवानी और राजापुर नगर पंचायत सीट से अशोक जाटव को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। उक्त प्रत्याशियों को जिताने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन पार्टी को मायूसी ही हाथ लगी थी। कर्बी नगर पालिका से सपा के प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता व मानिकपुर से निर्दलीय विनोद द्विवेदी और राजापुर से निर्दलीय आदर्श मनोज द्विवेदी ने जीत हासिल की थी। पिछली बार कर्बी विधानसभा के भाजपा से चन्द्रिका प्रसाद नवनिर्वाचित विधायक थे। जबकि इस बार समाजवादी पार्टी से अनिल प्रधान विधायक हैं। स्थितियां बदली हैं। भाजपा के लिए राह आसान नहीं लग रही है। भाजपा और सपा की हालत तो काफी ठीक लग रही है, इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच हार और जीत का मुकाबला हो सकता है। लेकिन कांग्रेस और बसपा की हालत भी पतली नजर आ रही है। ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाकर खेल बिगाड़ सकते हैं। मऊ नगर पंचायत में 19, मानिकपुर में 08 , कर्बी नगर पालिका में 06 और राजापुर मे भी आधा दर्जन से अधिक निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। इन निर्दलीय प्रत्याशियों में अधिकांश पार्टियों से नाराज़ प्रत्याशी हैं, जिन्होंने ने निर्दलीय पर्चा भरा है।