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औद्योगिक संस्थाएं भी आई आगे, निखरने लगा गंभीरी का स्वरूप

चित्तौड़गढ़। चितौड़गढ़ की गंगा कहलाई जाने वाली गंभीरी नदी का स्वरूप अब निखरने लगा है। तीन दिनों से गंभीरी नदी में लगातार सफाई का अभियान जारी है। अब औद्योगिक संस्थाएं भी सहयोग में आगे आई है।

करीब 8 वर्ष बाद ऐसा हुआ है की गंभीरी नदी की सफाई भी शुरू हुई है तथा पोकलैंड एवं जेसीबी जैसी बड़ी मशीन भी नदी में उतरी है। गंभीरी नदी एनिकट से लेकर शंकर गट्टा तक गंभीरी नदी की सफाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि करीब 8 वर्ष पूर्व गंभीरी नदी की सफाई का अभियान चला था। इसके बाद बीते वर्षों में नगर परिषद व जल संसाधन विभाग ने गंभीरी नदी की सफाई पर ध्यान नहीं उठाया। ऐसे में नदी पूरी तरह से गंदी हो गई थी। नालों से बह कर आई गंदगी और कांजी जमी हुई थी। ऐसे में चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने पहल करते हुवे नदी की सफाई को लेकर अभियान शुरू किया। अभियान के तीसरे दिन मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग गंभीरी नदी के सफाई के लिए पहुंचे हैं। काफी लंबे समय बाद जेसीबी व पोकलैंड जैसी मशीन मंगवा कर नदी में सफाई की गई। ट्रैक्टरों के माध्यम से एवं डंपर के माध्यम से नदी में जमा गंदगी को अन्यत्र डलवाया गया। ऐसे में अब नदी का स्वरूप धीरे-धीरे निखरने लगा है।

चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बताया कि औद्योगिक संस्थाएं भी अब आगे आई है और सभी के सहयोग से नदी की सफाई की जा रही है। वहीं जो थे उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभाया। ऐसे में जनता के सहयोग से नदी के सफाई करवाई जा रही है। वहीं व्यवसाई राजेश ईनाणी ने बताया कि मशीनों की सहायता से नदी की सफाई की जा रही है। नदी के भराव का जो पूरा क्षेत्र था उसी के अनुसार पुनः पट्टियां लगा कर इस नदी को भरा जाए तो इसका पानी कभी खाली नहीं होगा।

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