उत्तर प्रदेश

सिंचाई विभाग ने नगर निगम व केडीए को लिखा पत्र…

कानपुर। शहर से गुजरने वाले नहर और नालों पर पुलिया का निर्माण करने पर अब निचली गंगा नहर कानपुर प्रखंड एफआईआर दर्ज कराएगा। नगर निगम और केडीए अपने स्तर पर नहर पर पुल अथवा किसी भी निर्माण के लिए मानचित्र भी स्वीकृत नहीं कर पाएंगे। अगर ऐसा किया तो पूरी जिम्मेदारी विभागों की होगी। सिंचाई विभाग ने नहरों में सीवेज लाइनों को जोड़ने पर भी अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों को चेताया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार निकाय पर एफआईआर तक दर्ज कराई जाएगी।

कानपुर नगर क्षेत्र से गुजरने वाली बड़ी नहरों के आसपास लगातार आवासीय व व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। नगर निगम और केडीए की सीमा के अंतर्गत हलुवाखाड़ा और बिधनू नहर गुजरती है। इनके आसपास तेजी से विकास हो रहा है। हलुवाखाड़ा नहर तो शहर के बीचों-बीच से गुजर रही है, जिसके आसपास बसी बस्तियों का सीवर नहर में बहाया जा रहा है। वहीं, कई जगहों पर अवैध तरीके से बिल्डरों ने नहर पर अनाधिकृत रूप से पुल बना दिया है।

ऐसी गतिविधियां लगातार बढ़ रहीं हैं, जिससे नहरों और बड़े नालों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। इसको देखते हुए निचली गंगा नहर कानपुर प्रखंड ने नगर निगम और केडीए को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि इस खंड के कार्य क्षेत्र में आने वाली किसी भी नहर और नाले पर पुलिया व पुल का निर्माण या पहुंच मार्ग के लिए अपने स्तर से मानचित्र कतई स्वीकृत न करें। अगर ऐसा पाया गया तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी। सिंचाई विभाग ने जिला पंचायत को भी पत्र जारी किया है।

धारा-70 के तहत होगी कार्रवाई

निचली गंगा नहर कानपुर प्रखंड के अधिशाषी अभियंता ने नगर निगम और केडीए को पत्र लिखकर कहा है कि अगर विभागीय निरीक्षण में समस्या पाई गई तो उत्तरी भारत कैनाल एवं ड्रैनेज अधिनियम-1873 की धारा-70 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जिम्मेदार विभाग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही अन्य कार्रवाई भी की जाएगी।

पुल और पुलिया में एक किमी का अंतर जरूरी

सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता ने कहा है कि नहरों और नालों की हाइड्रोलिक दक्षता, रखरखाव, सिल्ट सफाई और नहरों व नालों के सुगम संचालन को बनाये रखने के लिए जरूरी है कि दो पुलों के बीच एक किलोमीटर का अंतर रखा जाए। इस नियम को पूरा करना जरूरी होगा।

यह निर्देश दिए गए

-आवासीय कॉलोनी, भवन, व्यवसायिक एवं वाणिज्यिक कार्यों, जिसमें नहरों और नालों को पहुंच मार्ग के रूप में नक्शे में दिखाया गया हो ऐसे नक्शे स्वीकृत न करें।
-सरकारी विभाग, संस्था, निगम व निजी संस्था द्वारा पुल और पुलियों के निर्माण का प्रस्ताव पोषणीय नहीं होगा।

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