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ऐतिहासिक रामलीला समिति द्वारा लीला मंचन हुआ शुभारंभ

रामदरबार की आरती को उमड़ा भक्तों का रेला

जन एक्सप्रेस/शाहगंज: जौनपुर नगर की ऐतिहासिक रामलीला मंचन का बुद्धवार को भव्य शुभारंभ हुआ। राम दरबार की भव्य आरती की गई। वृंदावन के कलाकारों द्वारा मधुर भजनों की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि ज्योतिषाचार्य डा अवनीश सिंह बघेल व क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान रहे। संचालन फिरतुराम यादव ने और आभार प्रदर्शन अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल ने किया।
नगर के गांधीनगर कलेक्टरगंज स्थित रामलीला मंच पर बुद्धवार की देर शाम आतिशबाजियों के बीच पूरे हर्षोल्लास के साथ ऐतिहासिक रामलीला का भव्य शुभारंभ किया गया। अतिथियों, संरक्षकगण, पूर्व अध्यक्षों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं सहित भारी संख्या में उपस्थित रामभक्तों ने पूरे भक्तिभाव से रामदरबार की भव्य आरती की। वृंदावन से आई आदर्श रासेश्वरी रामलीला मंडली के कलाकारों द्वारा महाराजा दशरथ विराग, वशिष्ठ संवाद, राज्याभिषेक की तैयारी, वशिष्ठ राम संवाद, देवताओं द्वारा सरस्वती स्तुति
की लीलाओं का आकर्षक मंचन प्रस्तुत किया गया। वहीं मंडली कलाकारों द्वारा जनकपुर उत्सव है भाई, यही जन्म भूमि है परम पूज्य श्री राम की आदि मधुर भजनों पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुति की गई। श्रोतागण भावविभोर हो उठे। गगनचुंबी जयकारों से क्षेत्र गुंजायमान रहा। मालूम रहे लीला मंचन व मेले की तैयारियों में विगत महीने भर से पूरे उत्साह के साथ समिति के कार्यकर्ता लगे हैं। इस वर्ष की रामलीला सत्रह सितंबर से शुरू होकर छह अक्टूबर तक चलेगा।इस दौरान नगर में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न चरणों में मंचन, रामरथ नगर भ्रमण व शोभायात्राएं संपन्न होंगी।
तीन स्तरीय लीला मंचन में बीस दिनों तक अनवरत रात्रि लीला नगर के कलेक्टरगंज एवं नई आबादी स्थित रामलीला मैदान में आयोजित होगा। वहीं श्रीराम रथ भ्रमण देर रात भिन्न भिन्न दिनों विभिन्न मोहल्लों में जायेगा। पूरे नवरात्र तक नौ दिनों तक पक्का पोखरा स्थित मैदान में सायं कालीन लीला मंचन होगा। दो अक्टूबर को होने वाले दशहरा मेले में भव्य रामरथ व पश्चिम बंगाल के कलाकारों द्वारा बनाए जा रहे 80 फुट लम्बा रावण का पुतला आकर्षण का केंद्र रहेगा। वहीं तीन अक्टूबर को देर रात भव्य भरतमिलाप मेले का आयोजन शुरू होगा जो अगले दिन श्रीराम व भ्राता भरत के मिलन की मनमोहक लीला के साथ संपन्न होगा। छह अक्टूबर को शिकार लीला व पुरस्कार वितरण के साथ लीला मंचन समाप्त होगा।

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