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माफिया है महाकुंभ में 30 करोड़ कमाने वाला नाविक, 6 महीने पहले हुआ था जेल से रिहा 

जन एक्सप्रेस/प्रयागराज: महरा परिवार की तारीफ कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घिर गए हैं। विपक्ष करारा हमला करते हुए योगी सरकार को माफिया का हितैषी बता रहा है। विधानसभा में सीएम योगी ने जिस महरा परिवार की सक्सेस स्टोरी सुनाकर महाकुंभ के 45 दिन में 130 नांव चलाकर 30 करोड़ रुपये कमाने का बखान किया था, असल में वह परिवार हिस्ट्रीशीटर निकला। पिंटू उर्फ अमित महरा पर हत्या, हत्या प्रयास, रंगदारी समेत 21 केस दर्ज हैं। वह जेल में भी रह चुका है। नाविक परिवार के संबंध अतीक अहमद से बताए जा रहे हैं।

छह माह पहले जेल से जमानत पर बाहर आया

43 साल के पिंटू महरा के खिलाफ पहला मुकदमा 2005 में तब दर्ज हुआ था, जब इसकी उम्र 23 साल थी। साल 2010 और 2016 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा साल 2013 और 2015 में गुंडा एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था वह कई बार जेल जा चुका है। डबल मर्डर के केस में कई सालों तक जेल में रहने के बाद पिंटू छह महीने पहले ही सोनभद्र जेल से जमानत पर बाहर आया है। आरोप है कि जेल में रहते हुए उसने पीड़ित पक्ष को धमकाकर अपने पक्ष में गवाही दिलाई। इस दौरान उसे अन्य जेल में शिफ्ट किया गया। पिंटू महरा के पिता और दो भाइयों के खिलाफ भी प्रयागराज के नैनी थाने में हिस्ट्रीशीटर का केस दर्ज है। पिता राम सहारे उर्फ बच्चा महरा भी शातिर अपराधी था। बच्चा महरा की मौत जेल में रहते हुए 25 जून 2018 में हो गई थी। पिंटू मेहरा का बड़ा भाई आनंद मेहरा भी शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर था। वहीं पिंटू की मा शुकलावती विद्युत विभाग की बड़ी ठेकेदार हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो 45 दिन में 130 नावों के संचालन से 30 करोड़़ रुपये कमाने वाले पिंटू महरा की 25 नांव खुद कीं थीं, 25 मोटर वोट थे। दावा है कि इसके अलावा अन्य नाव किराये पर लीं थी , जिन पर प्रति नाविक 500 ये से 700 रुपए में रखे और मनमाने तरीके से श्रद्धालुओं से पैसें ऐंठकर मुनाफा मनाया।महाकुंभ के दौरान प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने अलग-अलग घाटों से संगम तक जाने का किराया 75 से 160 निर्धारित किया था। एक नाव पर दो चालकों के अतिरिक्त अधिकतम आठ लोग ही बैठ सकते थे, मगर प्रति व्यक्ति से 500 से हजार रुपए तक वूसले। नहीं देने वाले लोगों के साथ बदतमीजी भी की। नाविक वोट क्लब से संगम तट तक 483 रुपए किराया था, लेकिन 2 हजार से 4 हजार रुपए वसूले गए। इस तरह एक चक्कर में 15 से 20 हजार रुपए अतिरिक्त कमाई की गई। हालांकि इस संबंध में महरा परिवार का कहना है कि श्रद्धालुओं ने स्वेच्छा से उन्हें पैसे दिए।पिंटू महरा और उसका परिवार मुख्य रूप से नावों के संचालन, ठेकेदारी, नाविकों से रंगदारी और वसूली, नदियों से बालू निकासी और बालू को बिकवाने का काम करता है। नाव चलाने के लिए महरा परिवार से इजाजत लेनी पड़ती है। कहा यह जाता है कि काली कमाई और दबंगई के रास्ते में जो भी आता है, उसे यह लोग अपने रास्ते से हटा देते हैं। पिंटू महरा के परिवार के साथ ही इनके पूरे कुनबे का इतिहास दागदार है।

पातालखोजी पहले सच्चाई पता कर लें: अखिलेश
महरा परिवार की सक्सेस स्टोरी सुनाने पर अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथों लिया और एक्स पर ट्वीट कर कहा कि अगर सच में महरा परिवार ने 30 करोड़ रुपये कमाए हैं तो इससे सरकार को कितना जीएसटी मिला यह भी बताएं। पातालखोजी पहले पता कर लिया करें उसके बाद महिमामंडन किया करें। पहले ठग से एमओयू कर लिया और अब नामदज के नाम की सदन में बंद आंखों से तारीफ कर दी। अब तो आंखें खोलो। इन्हीं वजहों से भाजपा सरकार में अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं।

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