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“सांसद रहे न रहे, स्वाभिमान से समझौता नहीं” — रोहिणी केस पर चंद्रशेखर आज़ाद का बृजभूषण को खुला चैलेंज

भीम आर्मी प्रमुख बोले: संसद की सदस्यता भले जाए, पर इमाम हुसैन से सीखा है सिर झुकाना नहीं

जन एक्सप्रेस/बिजनौर : भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ ने खुद पर लगे निजी आरोपों पर पहली बार खुलकर प्रतिक्रिया दी है। रोहिणी घावरी नामक महिला के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रशेखर ने पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और राष्ट्रीय महिला आयोग को भी खुली चुनौती दी है।

एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मंच से दिए गए भावनात्मक भाषण में चंद्रशेखर ने कहा, “कई लोग चाहते हैं कि मेरी सांसदी चली जाए, कुछ महिला आयोग की सदस्य कहती हैं कि जब तक सांसदी नहीं जाएगी, चैन नहीं मिलेगा। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मुझे सदस्यता की परवाह नहीं है। कल जानी है तो आज ही चली जाए, मगर स्वाभिमान से समझौता नहीं करूंगा।”

“इमाम हुसैन से सीखा है लड़ना, समझौता नहीं”
चंद्रशेखर ने इमाम हुसैन का उदाहरण देते हुए कहा कि कर्बला की जंग में उन्होंने अपने पूरे परिवार की कुर्बानी दी, लेकिन अन्याय के आगे सिर नहीं झुकाया। “मैं भी उसी मिट्टी से बना हूं। मैं जमीन से जुड़ा व्यक्ति हूं, और 2027 में देश देखेगा कि कौन कितना मजबूत है,” उन्होंने मंच से कहा।

बृजभूषण सिंह का पलटवार: “दलित बेटी पर आरोप, सब खामोश क्यों?”
पूर्व भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने चंद्रशेखर पर निशाना साधते हुए कहा कि जब जाट परिवार की बेटियों ने उन पर आरोप लगाए थे, तो उन्होंने अदालत में अपनी बेगुनाही साबित की।
“अब जब एक दलित परिवार की बेटी चंद्रशेखर पर आरोप लगा रही है तो विपक्ष क्यों चुप है? क्या इसलिए क्योंकि वह पहले से दबे-कुचले समाज से आती है?” उन्होंने सवाल उठाया।

बृजभूषण ने मांग की है कि मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए और निष्पक्ष जांच हो।

क्या हैं डॉ. रोहिणी घावरी के आरोप?
डॉ. रोहिणी घावरी, जो स्विट्जरलैंड में पीएचडी करने के बाद वहीं नौकरी कर रही हैं, ने दावा किया है कि चंद्रशेखर आज़ाद ने उन्हें अपने विवाहित होने की जानकारी नहीं दी। उनके अनुसार, जब सच्चाई सामने आई तो उन्होंने रिश्ता तोड़ने की कोशिश की, लेकिन चंद्रशेखर ने उन्हें ऐसा करने से रोका। रोहिणी ने यह भी कहा कि कई अन्य महिलाएं उनसे संपर्क कर रही हैं, जो कथित रूप से चंद्रशेखर द्वारा शोषण का शिकार हुई हैं।

राजनीति और नैतिकता के बीच टकराव
चंद्रशेखर का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब उनकी पार्टी ‘आजाद समाज पार्टी’ 2027 के चुनावों की तैयारी में जुटी है। इस विवाद ने उनके राजनीतिक भविष्य को चुनौतीपूर्ण मोड़ पर ला खड़ा किया है, जहां निजी जीवन और सार्वजनिक छवि के बीच संतुलन बनाए रखना आसान नहीं होगा।

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