एक महिला सिपाही,नौ से संबंध, कई पुलिस अधिकारियों के नाम आए जांच के दायरे में
3 दिनों में 109 कॉल, वीडियो कॉलिंग के रिकॉर्ड की जांच जारी

जन एक्सप्रेस लखनऊ:उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में तैनात महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा से जुड़े मामले ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, तीन दिनों में एक निरीक्षक स्तर के अधिकारी को किए गए कथित 109 कॉल, जिनमें कई वीडियो कॉल शामिल बताए जा रहे हैं, अब जांच का प्रमुख आधार बने हुए हैं। साइबर सेल इस पूरे कॉल-डाटा रिकॉर्ड की पुष्टि कर रही है।
पूछताछ में कई अधिकारियों से संबंध होने की बात सामने आने का दावा
जांच टीम के सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान महिला सिपाही ने लगभग 9 थाना प्रभारियों के साथ व्यक्तिगत संबंध होने की बात स्वीकार करने का दावा किया है। आरोप है कि इनमें दरोगा, इंस्पेक्टर और एक पूर्व राजपत्रित अधिकारी का नाम भी शामिल है।विभागीय रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं ताकि इन दावों की तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट हो सके।सोना, मोबाइल गिफ्ट और SIM बदलने के आरोपों की भी जांच आरोप यह भी हैं कि कुछ पुलिसकर्मियों ने महिला सिपाही को सोना (गोल्ड) और मोबाइल फोन गिफ्ट किए थे। इसके अलावा, बीते पांच वर्षों में ट्रेनिंग से लेकर पीलीभीत और फिर जालौन की तैनाती के दौरान उसने लगभग 11 सिम कार्ड बदले होने की जानकारी भी जांच में सामने आई है। फिलहाल 4 सिम कार्ड बरामद कर लिए गए हैं और उनकी फोरेंसिक जांच जारी है।
पूर्व में एक सिपाही पर गंभीर आरोप लगवाने का मामला भी रिकॉर्ड में
मामला भी रिकॉर्ड मेंसूत्रों के अनुसार, महिला सिपाही ने पूर्व में बरेली में एक पुलिसकर्मी खिलाफ बलात्कार के मामले में कार्रवाई करवाने की शिकायत की थी, जिसके बाद वह पुलिसकर्मी जेल भेजा गया था। इस प्रकरण की फाइल भी अब पुनः समीक्षा के दायरे में लाई गई है।
विभाग में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर चिंता
पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों के बढ़ने से विभागीय अनुशासन और विश्वसनीयता दोनों पर सवाल उठते हैं।अधिकारियों ने कहा कि यदि पुलिसकर्मी स्वयं हनी ट्रैप जैसी परिस्थितियों के जोखिम में फंसेंगे, तो उससे न केवल उनकी सुरक्षा प्रभावित होगी बल्कि जनता की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होगा प्रशासन का कहना है कि पूरा मामला अभी जांच के अधीन है। कॉल रिकॉर्ड, डिजिटल साक्ष्य, वित्तीय लेन-देन और आरोपों के सत्यापन के बाद संबंधित अधिकारियों पर कड़ी विभागीय व कानूनी कार्रवाई की जाएगी।






