स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तैयारी
विभाग में कार्यरत वे कर्मचारी जो 50 साल या उससे अधिक उम्र के हैं उनकी स्क्रीनिंग करवाई जाएगी

जन एक्सप्रेस/लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग के 50 साल या इससे अधिक उम्र वाले कर्मचारियों के दिल-दिमाग को परेशान करने वाली एक खबर आई है। कामकाज सही न पाए जाने पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है।
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों के लिए बहुत जरूरी खबर सामने आ रही है। इस विभाग में कार्यरत वे कर्मचारी जो 50 साल या उससे अधिक उम्र के है उनकी स्क्रीनिंग करवाई जाएगी। डिसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी गई है। स्क्रीनिंग में लापरवाह या दागी और दोषी कर्मचारी पाए गए तो उन्हें लेकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर कमेटी द्वारा फैसला लिया जा सकेगा।
स्क्रीनिंग उन कर्मचारियों की होनी है जो लिपिक और आशुलिपिक कैडर में कार्यरत हैं। इसके लिए शासन द्वारा आदेश भी दे दिया गया है।
31 मार्च 2024 को 50 साल की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की कार्यक्षमता आंकी जाएगी
निदेशक प्रशासन शिव सहाय अवस्थी द्वारा सभी विभागाध्यक्षों के साथ ही अपर निदेशक स्वास्थ्य से लेकर महानिदेशक को पत्र भेजा गया है जिसमें जानकारी दी गई है कि शासन ने 26 अक्टूबर 1985 व छह फरवरी 1989 को अलग-अलग आदेश दिए जिसमें मूल नियम-56 में यह व्यवस्था बताई गई है कि 50 साल से ज्यादा आयु के किसी भी कर्मचारी को बिना कारण तीन महीने की नोटिस या तीन महीने का वेतन का भुगतान कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। यह नियम वित्तीय हस्तपुस्तिका के खंड दो, भाग दो से चार तक मूल नियम-56 में दर्ज है। इसी नियम के अंतर्गत स्क्रीनिंग होगी जिसमें 31 मार्च 2024 को 50 साल की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की कार्यक्षमता आंकी जाएगी और तय मानक पर न उतरे पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने को लेकर विचार किया जा सकेगा।
रिपोर्ट आते ही कार्चारियों को लेकर फैसला
विभागाध्यक्ष से कर्मचारियों को लेकर फीडबैक माँगा गया है
लिपिक और आशुलिपिक के संबंध में विभागाध्यक्षों से 15 बिंदुओं पर निदेशक प्रशासन ने रिपोर्ट की मांग की है जिसमें कर्मचारी की तैनाती का वर्ष से लेकर सेवाकाल, शिकायत होने न होने की जानकारी, जांच रिपोर्ट और सजा पर आख्या संबंधी रिपोर्ट मांगी गई है। इतना ही नहीं, विभागाध्यक्ष से कर्मचारियों को लेकर फीडबैक की मांग भी विशेष रूप से की गई है। मंडल स्तर पर इस पूरी लिस्ट को तैयार करने का आदेश है और फिर इसको अपर निदेशक को एक हफ्ते में रिपोर्ट देनी होगी। वहीं जब रिपोर्ट स्क्रीन कर ली जाएगी तो 15 दिन के भीतर तीन सदस्यीय कमेटी के सामने प्रस्ततु भी कर दिया जाएगा। जिसके आधार कर्मचारियों के रखने न रखने को लेकर निर्णय लिए जा सकेंगे।
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