उत्तराखंडहल्द्वानी

धारचूला में बारिश का कहर: घटखोला नाला उफान पर, लोहे का पुल बहा

पेयजल संकट गहराया 93.20 मिमी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई गांवों का संपर्क टूटा, पंचायत चुनाव पर भी संकट

जन एक्सप्रेस धारचूला/पिथौरागढ़ – पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील में बीती रात हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। घटखोला नाले में उफान आने से लोहे का पैदल पुल बह गया और नया पुल भी खतरे की जद में आ गया है। इस पुल के बहने से खोतिला गांव पूरी तरह अलग-थलग पड़ गया है, वहीं नगर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई है, जिससे करीब 15 हजार लोगों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

पेयजल लाइन टूटी, शहर में पानी का संकट

घटखोला से धारचूला नगर को पेयजल आपूर्ति करने वाली मुख्य पाइपलाइन भारी मलबे और पानी के बहाव से क्षतिग्रस्त हो गई है। मंगलवार को पूरे नगर में पानी की आपूर्ति बंद रही, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। जलस्रोत में भारी मलबा भर जाने से पेयजल योजना भी ठप हो गई है।

सड़कें बंद, गांवों का संपर्क टूटा

मुनस्यारी-बुईपांतो सड़क पर पहाड़ी टूटने से तीन गांव – बुई, पातो और रालम – अलग-थलग पड़ गए हैं।

सेराघाट के पास जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग मलबे से पूरी तरह बंद हो गया है।

दुलियाबगड़-राया-बजेता सड़क तीन दिन से बाधित है, जिससे राशन और अन्य जरूरी सामान गांवों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

पंचायत चुनाव पर भी असर, प्रत्याशियों ने दी चेतावनी

सड़क बंद होने से पंचायत चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को प्रचार में भारी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों और प्रत्याशियों ने चेतावनी दी है कि अगर 11 जुलाई तक सड़क नहीं खोली गई, तो वे नामांकन वापस ले लेंगे। क्षेत्रीय प्रशासन पर सुस्ती का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों में गहरा रोष है।

93.20 मिमी बारिश ने बढ़ाई चिंता

धारचूला में बीती रात 93.20 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो जिले में सर्वाधिक रही। इसके अलावा बंगापानी में 72 मिमी, तेजम में 93 मिमी, और मुनस्यारी में 31 मिमी वर्षा दर्ज की गई। हालांकि उच्च हिमालयी गांवों में बारिश नहीं होने से वहां के ग्रामीण खेती-बाड़ी के लिए परेशान हैं।

ग्रामीणों की मांग – जल्द खुले सड़कें, बहाल हो पानी

प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि अविलंब मलबा हटाकर संपर्क मार्गों को खोला जाए और पेयजल आपूर्ति बहाल की जाए। आपदा की इस घड़ी में प्रशासन की तत्परता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बारिश और भूस्खलन से घिरे पिथौरागढ़ के कई गांवों में जनजीवन संकट में है। प्रशासनिक राहत की गति धीमी होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश और असंतोष दोनों बढ़ते जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button