क्षेत्र पंचायत सुईथाकला की निविदा में घोटाले विधानसभा तक गूंजी गड़बड़ी की गूंज!
सभापति पंचायतीराज को सौंपा गया शिक़ायती हलफनामाप्रदेश स्तरीय जांच समिति गठित करने की मांग

जन एक्सप्रेस/ लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के विकासखंड सुईथाकला में क्षेत्र पंचायत की निविदा प्रक्रिया को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। आरोप है कि निविदा में भारी धांधली कर फर्जी भुगतान की तैयारी की जा रही है। मामला अब विधानसभा तक पहुंच चुका है, जहां क्षेत्र पंचायत के कई सदस्यों ने प्रमुख श्रीमती विद्या देवी पर मनमानी, फर्जीवाड़ा और पक्षपात के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन सदस्यों ने प्रदेश स्तरीय जांच समिति गठित कर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है और इस संबंध में सभापति पंचायतीराज, लखनऊ को हलफनामा समेत विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा है।
पहले से पूरे कामों की दोबारा निकली निविदा!
शिकायतकर्ताओं का दावा है कि प्रमुख द्वारा पहले से पूरे हो चुके विकास कार्यों की दोबारा निविदा जारी की गई है, ताकि फर्जी भुगतान किया जा सके। कई योजनाएं सिर्फ कागजों पर पूरी दिखाई गईं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है।
सदस्यों का कहना है कि प्रमुख ने अपने गांव को प्राथमिकता देते हुए ज़्यादातर काम वहीं प्रस्तावित किए हैं, जिससे अन्य ग्राम सभाओं के विकास कार्य ठप पड़ गए हैं। “पूरा ब्लॉक एकतरफा चलाया जा रहा है,” शिकायतकर्ताओं का आरोप है।
नौ बिंदुओं में उजागर कीं अनियमितताएं
कविता वर्मा समेत आधा दर्जन से ज़्यादा क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने हलफनामे पर हस्ताक्षर कर नौ बिंदुओं में गड़बड़ियों का विवरण दिया है।
उनका कहना है कि शासन की मंशा के अनुरूप राजस्व बढ़ाने वाले कार्यों की उपेक्षा की गई और योजनाओं का चयन व्यक्तिगत स्वार्थ और राजनीतिक लाभ के आधार पर किया गया।
सदस्यों ने कहा कि “पारदर्शिता की जगह लाभ-हानि की राजनीति ने विकास की रफ्तार को रोक दिया है।”
जांच टीम बनी, लेकिन रिपोर्ट पर सस्पेंस बरकरार
मामले की गंभीरता को देखते हुए खंड विकास अधिकारी सुईथाकला ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की थी और निविदा प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।
टीम को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश था, लेकिन दो हफ्ते से ज्यादा बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई।
इससे पंचायत सदस्यों में असंतोष और अविश्वास की स्थिति गहराती जा रही है।
बीडीओ बोले — “निष्पक्ष जांच जारी है”
खंड विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि टीम अब तक 10 से 15 स्थलों पर निरीक्षण कर चुकी है और कुछ जगहों की जांच बाकी है।
उन्होंने कहा, “सभी तथ्यों की गहराई से जांच हो रही है। रिपोर्ट निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित होगी, जिसमें लगभग एक सप्ताह का और समय लग सकता है।”
जिला प्रशासन की पैनी नजर
सूत्रों के मुताबिक, जिला प्रशासन भी इस पूरे प्रकरण पर नज़र रखे हुए है।
यदि जांच में आरोप सही पाए गए, तो क्षेत्र पंचायत प्रमुख के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई संभव है।
उधर, ग्रामीणों के बीच भी पंचायत की कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं का दौर तेज है।
ग्रामीणों का कहना है कि विकास कार्य पारदर्शी नीति के तहत होने चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार को कोई जगह न मिले।
अब सबकी निगाहें प्रदेश स्तरीय जांच पर
फिलहाल सुईथाकला ब्लॉक की यह निविदा विवाद जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक सुर्खियों में है।
शिकायतकर्ताओं ने साफ कहा है कि अगर स्थानीय स्तर पर जांच में देरी हुई, तो वे मुख्यमंत्री तक गुहार लगाने को तैयार हैं।
अब देखना यह है कि शासन प्रदेश स्तरीय जांच समिति के गठन पर कब निर्णय लेता है और क्या वाकई वास्तविक दोषियों पर कार्रवाई होती है या मामला फाइलों में दबकर रह जाएगा।







