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मुक्ति का सहज मार्ग है श्रीमद्भागवत

जन एक्सप्रेस/खुटहन: जौनपुर बीरमपुर गांव में आयोजित साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में गुरुवार को व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अयोध्या से पधारे पीठाधीश्वर स्वामी हरि नारायणाचार्य महराज ने कहा कि श्रीमद भागवत सबसे प्राचीन व ऐसा महान धार्मिक ग्रंथ है,इसके श्रवण,मनन और वाचन मात्र से मानव को इहलोक से मुक्ति मिल जाती है।

महराज ने भागवत की महत्ता बताते हुए कहा कि यह स्वयं ईश्वर के मुख से उद्धृत है। इसे सर्व प्रथम भगवान विष्णु ने ब्रह्मा को मात्र चार श्लोकों में सुनाया था। ब्रह्मा ने महर्षि नारद को और नारद ने वेदव्यास को विस्तार पूर्वक सुनाया । वेदव्यास ने 18 हजार श्लोकों में इसे वर्णित कर सुखदेव को सुनाया। सुखदेव ने राजा परीक्षित को बहुत विस्तार पूर्वक कथा सुनाई थी। नारायण के मुख से प्रकट यह महान ग्रंथ आज जन जन के मुक्ति का सहज मार्ग बन चुका है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत को यदि मानव मनसा,वाचा और कर्मणा तीनों रूपों में अंगीकृत कर ले तो वह देवताओं के समान बन जायेगा। मेरा-तेरा,अपना – पराया,सुख- दुख,काम-क्रोध जैसे संताप उससे स्वतः दूर भाग जायेंगे। मानव भव को पार कर इहलोक से मुक्ति पा जायेगा। इस मौके पर पंडित अवधेश दूबे,देवी प्रसाद उपाध्याय, सूर्य प्रकाश मिश्र, हेमंत मिश्रा, प्रेम प्रकाश उपाध्याय,महेंद्र उपाध्याय, रमाशंकर उपाध्याय, आदि मौजूद रहे। मुख्य यजमान ओमप्रकाश उपाध्याय ने उपस्थित जनों के प्रति आभार प्रकट किया।

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