गुरुग्राम महापंचायत में मुस्लिमों के बहिष्कार की घोषणा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
नई दिल्ली । महापंचायत में मुसलमानों के बहिष्कार से जुड़ी घोषणा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से आज ही मामले की सुनवाई की मांग की। सिब्बल ने कहा कि महापंचायत में कहा गया कि अगर कोई मुस्लिम को रोजगार देगा तो वह गद्दार होगा, इसलिए हमने अर्ज़ी दाखिल की है।
नूंह में सांप्रदायिक तनाव के बाद दिल्ली-एनसीआर में विहिप और बजरंग दल की रैलियों पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि भड़काऊ बयान की स्थिति में कार्रवाई हो। साथ ही इन कार्यक्रमों के चलते हिंसा नहीं होनी चाहिए। इस मामले में कोर्ट ने हरियाणा और यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया था।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 27 से ज्यादा रैलियां की गईं, जिसमें सेट स्पीच दी गई। सोशल मीडिया पर 2 अगस्त से वायरल एक वीडियो का हवाला दिया गया, जिसमें हिसार में समस्त हिन्दू समाज की एक रैली में मुस्लिमों के बॉयकॉट का आह्वान किया गया था। रैली में ये आह्वान पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। कोर्ट को बताया गया कि इसी तरह 4 अगस्त को मध्य प्रदेश के सागर में विश्व हिंदू परिषद के नेता कपिल स्वामी ने मुस्लिमों के बॉयकॉट का खुला आह्वान किया। 6 अगस्त को पंजाब के फाजिल्का में बजरंग दल के नेता ने नासिर और जुनैद की जलाकर मारने की घटना को सही ठहराया।