उत्तराखंड

अमर शहीद दुर्गामल का जीवन, सदा याद किया जाएगा उनका बलिदान : गणेश जोशी

Listen to this article

देहरादून । सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को गढ़ी कैंट स्थित शहीद दुर्गा मल्ल पार्क में उत्तराखंड राज्य नेपाली भाषा समिति एवं सहयोगी अन्य संस्थाओं की ओर से आजाद हिंद फौज के वीर जवान अमर शहीद मेजर दुर्गा मल्ल की स्मृति में 80वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मंत्री ने सर्वप्रथम अमर शहीद मजार दुर्गा मल्ल के स्मारक एवं उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने द्वितीय विश्व युद्ध के स्वंतत्रता सैनानियों के परिजनों और महान विभूतियों को सम्मानित किया। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि मेजर दुर्गा मल्ल आजाद हिंद फौज के प्रथम गोरखा सैनिक थे, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि दुर्गामल्ल का जन्म एक जुलाई 1913 को देहरादून के निकट डोईवाला गांव में गंगाराम मल्ल क्षेत्री के घर हुआ था, जो गोरखा राइफल्स में नायब सूबेदार थे। इनकी माता का नाम पार्वती देवी छेत्री था। मंत्री ने कहा कि बचपन से ही वे अपने साथ के बालकों में सबसे अधिक प्रतिभावान और बहादुर थे। उन्होंने गोरखा मिलिट्री मिडिल स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा हासिल की, जिसे अब गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज के नाम से जाना जाता है। उन्होंने युवाओं को आजाद हिंद फौज में शामिल करने में बड़ा योगदान दिया। बाद में गुप्तचर शाखा का महत्वपूर्ण कार्य दुर्गा मल्ल को सौंपा गया।

गणेश जोशी ने कहा कि 25 अगस्त 1944 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में स्वाधीनता के इस दीवाने ने हंसते-हंसते फांसी का फंदा अपने गले में स्वीकार किया। अल्प आयु में ही मेजर दुर्गा मल्ल ने देश की रक्षा के लिए अपने सभी सुख-सुविधाओं को त्याग कर अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने का जो दृढ़ साहस दिखाया था, उसे हमेशा याद किया जाएगा। इस दाैरान उत्तराखंड राज्य नेपाली भाषा समिति अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा, गोरखाली सुधार सभा अध्यक्ष पदम थापा, महासचिव श्याम राणा, पीबीआरओ अध्यक्ष शमशेर बिष्ट, राजेंद्र मल आदि उपस्थित थे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button