मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण, भारत लाने की प्रक्रिया शुरू

जन एक्सप्रेस मुंबई: आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड, तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण आखिरकार संभव हुआ है। भारत की कूटनीतिक और कानूनी कोशिशें रंग लाई हैं और अब उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अमेरिका से एक विशेष टीम भारत पहुंच चुकी है, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि तहव्वुर राणा आज भारत आ सकता है। राणा का प्रत्यर्पण भारतीय न्याय प्रणाली के लिए बड़ी जीत है, खासतौर से वह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है और लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य रहा है।
भारत के लिए कूटनीतिक जीत: तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण
भारत ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की कोशिशें 2019 से शुरू की थीं। अमेरिकी अदालत की सिफारिशों के बाद विशेष सुरक्षा उपायों के तहत उसे दिल्ली और मुंबई की जेलों में रखा जाएगा। राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए न केवल एक कानूनी जीत है, बल्कि कूटनीतिक दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। राणा की शुरुआत के कुछ हफ्तों तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में रखा जाएगा, जिसके बाद उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।
26/11 के आतंकवादी हमलों में अहम भूमिका निभाने वाला राणा
तहव्वुर हुसैन राणा ने 26/11 मुंबई हमलों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, उसने अपने साथी और पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली को भारत भेजकर हमले के लिए रणनीतिक स्थानों की पहचान की थी। राणा खुद नवंबर 2008 में दुबई होते हुए मुंबई आया था और हमले के लिए ज़रूरी व्यवस्थाओं का आकलन किया था। इस हमले में 174 लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए न्याय की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक और सफलता मिली है।