महराजगंज में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाभार्थियों के चयन में नहीं चलेगी मनमानी

जन एक्सप्रेस/महराजगंज। उत्तर प्रदेश के जनपद महराजगंज में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाभार्थियों का चयन करने में किसी तरह की मनमानी अब नहीं चलेगी। पूर्व में हुई अनियमितताओं को देखते हुए इस बार नियमों में व्यापक स्तर पर बदलाव किया गया है। मसलन, इस बार आवास प्लस के पोर्टल पर लाभार्थियों का चयन सरकारी कर्मी ही करेंगे।
इतना ही नहीं, ब्लाक के जो कर्मचारी लाभार्थियों का चयन करेंगे उन्हें पोर्टल पर अपना मोबाइल नंबर व पैन कार्ड भी अपलोड करना होगा, जिससे बाद में किसी के अपात्र मिलने पर सीधे तौर पर उनकी जिम्मेदारी तय की जा सके।
वही सत्यापन के दौरान मौके पर ही लाभार्थियों का आधार कार्ड लेकर पोर्टल पर अपडेट करने के साथ ही जिस स्थान पर आवास का निर्माण होना है, उस भूमि का जियो टैग भी किया जाएगा। इस पहल से पात्रों की बजाय अपात्रों के चयन जैसी संभावनाओं पर अंकुश तो लगेगा ही साथ ही योजना में पारदर्शिता भी आएगी। सर्वे में पंचायत के अलावा भूमि संरक्षण विभाग, कृषि, सिंचाई पशु पालन विभाग के अलावा लेखपालों की भी मदद ली जाएगी।
प्रधानों से पात्रों की जानकारी अवश्य ली लाए लेकिन पोर्टल पर फीडिंग सरकारी कर्मचारियों को ही करनी है। इस नई व्यवस्था से ब्लाक के कर्मचारियों व प्रधानों का गठजोड़ न सिर्फ टूटेगा, बल्कि पात्रों तक योजना का लाभ पहुंचाने में मदद भी मिलेगी।
परियोजना निदेशक रामदरश चौधरी ने बताया कि अब लाभार्थियों का सत्यापन सीधे आवास प्लस पोर्टल पर किया जाएगा। इससे लाभार्थियों के चयन में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हो सकेगी। जो भी कर्मचारी लाभार्थी का सत्यापन करेगा उसका भी पूरा विवरण पोर्टल पर भरा जाएगा। ऐसे में भविष्य में किसी प्रकार की भी गड़बड़ी होने पर संबंधित की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
सत्यापन के समय का जियो टैग अनिवार्य
पूर्व में योजना के तहत चयनित कुछ लाभार्थियों का भूमि विवाद की वजह से आवास नहीं बन सका है। ऐसे में इस बार सर्वे के दौरान ही जहां आवास का निर्माण किया जाना है उस भूमि का जियो टैग किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद लाभार्थी का पासबुक व आधार कार्ड अपलोड किया जाएगा।
2029 तक किया जाना है सर्वे
खास बात यह है कि यह सर्वे 2029 तक मान्य होगा। पोर्टल पर लाभार्थियों की जानकारी पहले से ही फीड होने की वजह से सरकार की ओर से लक्ष्य जारी होते ही पात्रों का चयन आसानी से किया जा सकेगा।
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