उत्तर प्रदेशचित्रकूट

12 हजार के लोन पर विधवा महिला से वसूले गए हजारों रुपये, अब भी नहीं रुकी कटौती

चित्रकूट के मानिकपुर की बेसहारा यशोधरा त्रिपाठी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर, बैंक की मनमानी से नहीं मिल रहा न्याय

जन एक्सप्रेस चित्रकूट:जनपद चित्रकूट की मानिकपुर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत इटवा डुडैला निवासी विधवा महिला यशोधरा त्रिपाठी बीते कई वर्षों से बैंक की मनमानी और सिस्टम की उदासीनता का शिकार हैं। आर्यावर्त बैंक मारकुंडी शाखा के अधिकारियों द्वारा कथित रूप से किए गए लोन घोटाले ने उनकी जिंदगी को आर्थिक और मानसिक पीड़ा में डाल दिया है।

2019 में चुका दिया था सौर ऊर्जा लोन, अब तक काटे जा रहे पैसे

यशोधरा त्रिपाठी ने 12 वर्ष पूर्व सौर ऊर्जा योजना के तहत बैंक से ₹12,000 का लोन लिया था। उन्होंने वर्ष 2019 में पूरा लोन अदा कर उसे बंद भी करवा दिया। लेकिन इसके बावजूद, जब भी उनके खाते में विधवा पेंशन की राशि आती है, बैंक बार-बार लोन बकाया दिखाकर उनकी पेंशन से राशि काट लेता है।पीड़िता का आरोप है कि अब तक उनके खाते से लाखों में नहीं तो हजारों रुपये काटे जा चुके हैं, जबकि उनका लोन कई वर्ष पूर्व निपट चुका है।

12 हजार के लोन के बदले पचासों हजार की वसूली, अब भी खत्म नहीं हुई पीड़ा

पीड़िता का कहना है कि लोन निपटारे के बावजूद बैंक रिकॉर्ड में जानबूझकर लोन को सक्रिय दिखाया गया, जिससे उन्हें बार-बार आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कई बार बैंक में शिकायत की, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।अब सवाल यह है कि 12 हजार रुपये के लोन के बदले इतनी बड़ी राशि वसूलने के बाद भी, बैंक अभी तक लोन को खत्म क्यों नहीं कर रहा?

न्याय के लिए भटक रही महिला, सिस्टम बना खामोश तमाशबीन

इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या गरीब, बेसहारा और विधवा महिलाओं को न्याय पाना आज भी इतना कठिन है? यशोधरा त्रिपाठी लगातार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के दरवाजे खटखटा रही हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिले हैं।

बैंक की मनमानी और सिस्टम की चुप्पी — कब मिलेगा विधवा महिला को न्याय?

जब एक छोटी सी पेंशन पर आश्रित महिला से बार-बार झूठे लोन के नाम पर पैसे वसूले जाएं, तो इसे क्या कहेंगे — घोर अन्याय या सिस्टम की संवेदनहीनता? अब देखना यह है कि प्रशासन और बैंकिंग सिस्टम कब जागता है और इस बेसहारा महिला को उसका हक दिलाता है।

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