अयोध्याउत्तर प्रदेशराजनीति

पूर्व एमएलसी लीलावती कुशवाहा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

दर्ज हो सकती है एफआईआर

Listen to this article
जन एक्सप्रेस संवाददाता
अयोध्या। भूमि विवाद में पूर्व एमएलसी लीलावती कुशवाहा के साथ हुई मारपीट के मामले को न्यायालय ने संज्ञान में लिया है। षष्टम विशेष न्यायाधीश एससी /एसटी एक्ट राकेश कुमार ने मारपीट के मामले में लीलावती कुशवाहा के विपक्षी राम अवतार की  तहरीर पर मुकदमा दर्ज  न करने पर पुलिस को आडें हाथों लिया है। विशेष  न्यायाधीश ने क्षेत्राधिकार को आदेश दिया है कि इस प्रकरण की जांच कर राम अवतार की और से दी गई तहरीर की सत्यता की जांच कर रिपोर्ट 15 दिन में न्यायालय को प्रेषित करें।न्यायालय में इस प्रकरण में अगली सुनवाई 11 सितंबर को करने के लिए तिथि घोषित की है।
नगर के लाला पुरवा मजरे गद्दोपुर निवासी राम अवतार ने पूर्व एमएलसी एवं सपा की पूर्व महिला प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा पर आरोप लगाया था की भूमि विवाद के चलते आधा दर्जन लोगों को लेकर लीलावती कुशवाहा ने  30 जून को उनके परिवार पर हमला कर दिया। घर में घुसकर तोड़फोड़ की और मारपीट की। इस मामले में राम अवतार वह उनके परिवार के तीन लोगों को गंभीर चोटें आई। इस मामले में पुलिस ने लीलावती कुशवाहा का पक्ष लेते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पूरे परिवार को जेल भेज दिया। जबकि हमला लीलावती कुशवाहा की ओर से किया गया था। रामअवतार की ओर से जब न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने के लिए आवेदन किया गया तो पुलिस ने उसकी ओर से कोई संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज नहीं की।इस संबंध में राम अवतार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी प्रार्थना पत्र देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस प्रशासन की ओर से न्याय न मिलने पर राम अवतार में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार ने इस संबंध में क्षेत्राधिकारी से जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। यदि न्यायालय की ओर से राम अवतार की ओर से दी गई तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली जाती है तो पूर्व एमएलसी लीलावती कुशवाहा की परेशानियां बढ़ सकती हैं।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button