वरिष्ठ प्रचारक बालजी के संघ पदाधिकारियों और प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने किए अंतिम दर्शन, चढ़ाए पुष्प
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने भारती भवन में स्व. बालजी के पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें प्रणाम किए। संघ के पूर्व अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख एवं अवध प्रांत के पूर्व प्रांत प्रचारक बालकृष्ण का आज (मंगलवार) प्रात: राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान (लखनऊ) में हो निधन हो गया था। उनकी पार्थिव देह को अन्तिम दर्शन के लिए प्रदेश संघ मुख्यालय भारती भवन में रखा गया। जहां सुबह से ही संघ कार्यकर्ता उनके अंतिम दर्शन के लिए जुटे। स्व. बालकृष्ण का अंतिम संस्कार आज ही सायंकाल 3 बजे कानपुर के गंगा घाट पर होगा।
प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने भी स्व. बालकृष्ण के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, राज्यसभा सदस्य डा. दिनेश शर्मा, भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री जयप्रकाश चतुर्वेदी , पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया, विधान परिषद सदस्य डा. महेन्द्र सिंह ने भारती भवन पहुंच कर उनकी पार्थिव देह पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उ.प्र. के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राजेन्द्र सिंह, अवध प्रांत प्रचारक कौशल, इतिहास संकलन के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री संजय, संयुक्त क्षेत्र ग्राम विकास प्रमुख वीरेंद्र सिंह, क्षेत्र कार्यकारिणी के सदस्य रामजी भाई, क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष, राष्ट्रधर्म के निदेशक मनोजकांत, विहिप के प्रांत संगठन मंत्री विजय प्रताप , विद्या भारती के क्षेत्र संगठन मन्त्री रामचन्द्र व बाल आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने भी स्व. बालजी के पार्थिव देह पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
बालकृष्ण जी का जीवन परिचय
कानपुर से प्रचारक निकले थे बाल जी संघ के कार्यकर्ताओं के बीच बालजी के नाम से पहचाने जाने वाले स्व. बालकृष्ण का जन्म 05 मार्च 1937 में ग्राम- कंठीपुर, ब्लाक- शिवराजपुर, तहसील- बिल्हौर, कानपुर देहात मे हुआ था। आपके पिता का नाम स्वर्गीय मन्नू लाल त्रिपाठी और माता का नाम स्वर्गीय शांति देवी था। कुल 5 भाईयों में से दूसरे क्रम पर बाल जी रहे। बालजी ने डीएवी कालेज कानपुर से एम. काम किया।शिक्षा पूरी होने के बाद आप कानपुर के एर्गन मिल में सेवारत थे। कानपुर के तत्कालीन विभाग प्रचारक स्व. अशोक सिंहल की प्रेरणा से नौकरी छोड़कर सन् 1962 में आप संघ के प्रचारक निकले। प्रचारक जीवन: • 1962 में बिल्हौर से प्रचारक निकले। जिला प्रचारक, विभाग प्रचारक• प्रांत शारीरिक प्रमुख• सह प्रांत प्रचारक• प्रांत प्रचारक अवध प्रांत• संयुक्त क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख, उ.प्र. व उत्तराखंड • अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख आदि दायित्वों का आपने निर्वहन किया।आपातकाल के समय आपने कानपुर में भूमिगत होकर सक्रिय रूप काम किया। वर्तमान में आपका केन्द्र ‘भारती भवन’ लखनऊ था।