
जन एक्सप्रेस संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) को सरकारी विभागों से सरचार्ज का भुगतान न मिलने के कारण करोड़ों रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। निगम का दावा है कि इस वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए विद्युत टैरिफ में वृद्धि अनिवार्य हो गई है। इसी के तहत अब ऊर्जा निगम ने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को टैरिफ में पुनर्विचार का प्रस्ताव भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि निगम द्वारा हाल ही में आयोजित बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में प्रस्ताव को ऑडिट कमेटी के समक्ष रखने पर सहमति बनी, ताकि वहां से स्वीकृति मिलते ही इसे आयोग को भेजा जा सके।
गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में आयोग द्वारा केवल 5.62 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि को मंजूरी दी गई थी, जबकि UPCL ने 29.23 प्रतिशत की वृद्धि की मांग रखी थी। ऊर्जा निगम का कहना है कि कम स्वीकृत दर से राजस्व घाटा और बढ़ गया है।
UPCL अधिकारियों का मानना है कि यदि समय रहते टैरिफ में समुचित वृद्धि नहीं हुई, तो उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति बनाए रखना कठिन हो सकता है। निगम इस नुकसान के लिए मुख्य रूप से सरकारी विभागों द्वारा लम्बे समय से बकाया सरचार्ज के भुगतान न किए जाने को जिम्मेदार ठहरा रहा है।






