मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया की जेल मैन्युअल के हिसाब से अपराह्न 03 से 04 बजे के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्नी के साथ बैठक सुनिश्चित करें। दरअसल, मनीष सिसोदिया की ओर से जमानत के लिए पत्नी के स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था।
चार मई को कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था। 28 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस फैसले को सिसोदिया ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया मंत्री समूह के मुखिया थे और कैबिनेट के बारे में उनको सारी जानकारी थी। वे आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे। नीति में फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत ली गई। ईडी ने कहा था कि कोई भी नीति हवा में नहीं बनाई जाती है। मंत्री समूह की बैठक में लाइसेंस फीस और प्रॉफिट मार्जिन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। सिसोदिया के पास 18 विभाग थे। उस समय वह लोगों से मुलाकात करते थे। कुछ लोग उनकी पत्नी की देखभाल करते थे, ऐसे में जमानत के लिए सिसोदिया पत्नी की सेहत का हवाला नहीं दे सकते हैं।
सिसोदिया के वकील ने कहा था कि ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर ही आधारित है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत किसी भी तरह का अपराध सिसोदिया ने नहीं किया। कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या धारा 3 के तहत कोई उल्लंघन किया गया है। ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।